पृष्ठ:हिंदू राज्यतंत्र.djvu/११६

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(८५ ) ने जिस पारिभाषिक शब्द 'राजक' का उल्लेख किया है ($$२५ और ४७), जान पड़ता है कि प्रारंभ में उस राजक शब्द का व्यव- हार इसी प्रकार की संयुक्त काउंसिल के लिये हुआ करता था। डाकृर जैकोबी ने इन्हें 'अठारह संयुक्त राजा' कहा है; और जैन सूत्र के अनुसार ये सब लोग काशी-कोशलवाली सीमा में थे। महावीर की मृत्यु के समय कोशल का साम्राज्य काशी-कोशल कहलाता था । बौद्धों के पालीवाले धर्मग्रंथ की अपेक्षा जैन सूत्र बहुत बाद का है; और यदि जैन ग्रंथ ने काशी-कोशल की सीमा निर्धारित करने में भूल नहीं की है, तो उसके दिए हुए विवरण से यही अर्थ निकलता है, कि कोशल के राजा के साथ इस संयुक्त काउंसिल का किसी प्रकार का राजनीतिक सम- झौता या मेल था; क्योंकि इस बात का कोई प्रमाण नहीं मिलता कि कोशल के राजा ने कभी प्रधानता प्राप्त की थी। अवश्य ही इन प्रजातंत्रो का मगध के साथ बिगाड़ था और कोशल का राज्य मगध का घोर विरोधी और प्रतिद्वी था। अटकथा में इस बात का उल्लेख है कि वैशालीवाले एक बहुत बड़े युद्ध में मगध के सम्राट अजातशत्रु से हारे थे। इन दोनों प्रजातंत्रों का यह संयोग या मेल स्वभावत: उन बड़ी शक्तियों का विरोध करने के लिये हुआ था जिनके मध्य में वे स्थित थे। मिलाओ काशी. कोशल, पतंजलि (कीलहान ) २, पृ० २८०. (दूसरा संस्करण)