पृष्ठ:हिंदू राज्यतंत्र.djvu/११७

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६५२. लिच्छवियों का एक तो राजनीतिक दृष्टि से यों ही बहुत अधिक महत्व था और दूसरे बुद्ध के साथ उनका घनिष्ठ संबंध भी था; इसी लिये बौद्ध साहित्य में उनका बहुत अधिक उल्लेख है । लक्षणों से जान पड़ता है कि महाभारत तथा अन्यान्य ग्रंथों में उनका जो वर्णन दिया हुआ मिलता है, वह औरों के लिये भी उतना ही प्रयुक्त हो सकता है जितना उनके लिये होता है। उनकी यह शासन-प्रशाली उस समय की शासन-प्रणालियों के एक साधारण प्रकार के हो अंतर्गत थी- वह कोई अपवाद रूप नहीं थी।

- देखो आगे ५४.