पृष्ठ:हिंदू राज्यतंत्र.djvu/१२९

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

श्राठवाँ प्रकरण यूनानी लेखकों में हिंदू प्रजातंत्र ( ई० पू० ३२५) ६०.भारत पर सिकंदर ने जो आक्रमण किया था, उसका इतिहास लिखनेवाले इतिहासकारों ने भारत के कई राज्यों को 'खाधीन', 'स्वराज्यभोगी' और 'स्वतंत्र बतलाया है जिससे उनका अभिप्राय प्रजातंत्र से है। मैकक्रिडल ने इस खतंत्र शब्द का महत्व तो मान लिया है, परंतु भारतीय प्रजातंत्रों से वह अपरिचित था, इसलिये उसने यह समझा था कि खतंत्र शब्द से भारतीय प्राम्य-व्यवस्था की सूचना मिलती है । उसने लिखा है-"यहाँ के प्रत्येक गॉव को उन्हों (यूनानियों) ने एक स्वतंत्र प्रजातंत्र समझा था। परंतु वास्तव में यूना- नियों ने कभी भारत के गॉवों की पंचायत को प्रजातंत्र समझने की भूल नहीं की। उन्होंने यहाँ के समाजों या वर्गों को ही राज्य माना है, छोटे छोटे गाँवों या उनके समूहों को नहीं। उन यूनानियों को उन्हीं भारतीय राज्यों से लड़ना पड़ा था, उनके साथ संधियाँ करनी पड़ी थीं और उन्होंने उनकी शासन-व्यवस्था का विस्तृत विवरण लिखा था। इसलिये वे यूनानी उनसे इतने अधिक परिचित हो गए थे कि वे उस प्रकार

  • Invasion of India by Alexander T. 994, ar i