पृष्ठ:हिंदू राज्यतंत्र.djvu/१३२

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(१०१ ) ही अपनी पसंद से विवाह किया करती थीं और खियों में सती की प्रथा प्रचलित थो। स्ट्रैबो के लेखानुसार उनमें का सब से अधिक सुंदर आदमी ही राजा चुना जाता था* । कुछ विद्वानों ने इन कथइयों को क्षत्रिय बतलाया है, अर्थात कथई शब्द को संस्कृत के क्षत्रिय शब्द का बिगड़ा हुआ रूप माना है। परंतु उनका यह कथन टिक नहीं सकता । सब से पहली बात तो यह है कि यूनानी लेखकों ने नामो के जितने रूप दिए हैं, वे सब संस्कृत उच्चारण के आधार पर हैं; पर कथ शब्द प्राकृत का है और इसलिये अपवाद रूप है । जब कि सारे देश पंजाब मे संस्कृत रूपों का व्यवहार होता था, तब यह मानना युक्तिसंगत नहीं है कि कथई शब्द प्राकृत रूप के आधार पर बना हुआ है। और फिर विचार करने की यह एक बात रह ही जाती है कि क्या क्षत्रिय शब्द के प्राकृत रूप से भी कथई शब्द निकल सकता है। उस दशा मे तो हमें इस शब्द का कथई नहीं बल्कि खत्तिय अथवा इसी से मिलता जुलता हुआ और कोई रूप मिलना चाहिए। फिर कर बतलाता है। अतः उसके दिए हुए अंको का सदा कर्टि यस और डायोडोरस के दिए हुए अंको के साथ मिलान कर लेना चाहिए ।

  • स्टूबो १५.३० देखो मैक किंडल कृत Invasion of India

as described by Classical Writers, p. 38. + मैक्किंडल कृत Invasion of India by Alexander the Great, पृ० ३४७ ।