पृष्ठ:हिंदू राज्यतंत्र.djvu/१४०

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(१०६) मलोइयों की जाति स्वतंत्र भारतीय कहलाती है ( एरियन ६. उनके नगर चनाब के तट पर थे और उनकी राज- धानी रावी के समीप थी। मल्लोइयों की इसी राजधानी अथवा उनके नगरों में से किसी एक पर घेरा डाले रहने के समय ही एक बार सिकंदर मरते मरते बचा था। इस लीग या द्वंद्व की एकता के ही कारण यूनानी लेखक इस बात का ठीक ठोक निर्णय नहीं कर सके थे कि सिकंदर पर यह प्राय-संकट मल्लोइयों के नगर में आया था या औक्सि काय के नगर मे। कर्टियस के अनुसार इन दोनों की सेनामो की संख्या एक लाख थी। "जब इस सेना का सामना करने का अवसर प्राया, तब मैसिडोनियावालों के छक्के छूट गए ।" "जब मैसिडोनियावालों को पता चला कि अभी हमे तुरंत ही एक और युद्ध करना पड़ेगा जिसमे हमारे विपक्षी भारत के सब से बड़े योद्धा होंगे, तब उन्हें आकस्मिक भय ने आ दबाया और वे लोग विद्रोहात्मक भाषा में फिर से अपने राजा की निंदा करने लग गए* ।" इन भारतीयों को सिकंदर के सैनिक भया- जातकों के समय मे उनमे एकराज शासन-प्रणाली प्रचलित थी। उनके प्रजात'त्री सिक्को तथा परवर्ती प्रस्थान के लिये श्रागे 8 १५० देखो। पतंजलि ने शिबि को एक देश या राज्य (विषय) के नाम के रूप में लिखा है।

- कर्टियस भाग ६. अव्याय ४. #misica I. I by Alex-

ander, पृ० २३४