पृष्ठ:हिंदू राज्यतंत्र.djvu/१४७

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( ११६) कहा था कि "ौरों की अपेक्षा हम लोगों को स्वतंत्रता तथा स्वाधीनता अधिक प्रिय है और हम लोगों की स्वतंत्रता डायोनीसियस के समय से अक्षुण्ण चली आ रही है।" कदाचित् इस डायोनीसियस से यूनानियों का अभिप्राय बलराम से था। ६६६, यहाँ यह बात भी ध्यान रखने के योग्य है कि इन स्वतंत्र भारतवासियों की सुंदर आकृति और शरीर की बढ़िया गठन पर मैसिडोनिया के लेखकों का विशेष रूप से ध्यान गया था। हमने आगे चलकर ( इक्कीसवॉ प्रकरण) भारतीय प्रजातंत्रों का मानव विज्ञान की दृष्टि से जो विवेचन किया है, उस विवेचन के लिये यह बात विशेष महत्व की और ध्यान रखने के योग्य है। अंदाज से मालूम होता है कि झेलम और चनाब के संगम के उपरांत नीचे की ओर जो प्रदेश पड़ता है, उस प्रदेश में मालव लोगों का निवास था और उससे पहले के ऊपरी प्रदेश में क्षुद्रक लोग रहा करते थे। ६७०. इन अंतिम दोनों प्रजातंत्रों के पास ही सिकंदर को अगसिनेई, लोग मिले थे, जिन्होंने, यदि हम डायोडोरस

  • एरियन भाग ६. प्रक० १४.

मैकिंडल कृत Alexander पृ० १५४. स्थान के संबंध में विन्सेन्ट सिथ की सम्मति देखो। रायल एशियाटिक सोसायटी; १६०३. पृ० ६८५.

  • इस नाम के ठीक ठीक निर्धारण के संबंध में देखो ६ ५८.

जरनल