पृष्ठ:हिंदू राज्यतंत्र.djvu/१५०

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(११६) के वृद्धो या ज्येष्ठों ने उनको यह परामर्श दिया था कि अब तुम लोग युद्ध मत करो; और उन लोगों ने उन्हीं का वह परामर्श मानकर ये दूत भेजे थे। संभवत: इससे यही सूचित होता है कि इनकी शासन-व्यवस्था में वृद्धों या ज्येष्ठों का भी एक मंडल था। ६ ७३. पतंजलि पौर महाभारत में अंबष्ठो के राज्य अथवा राजनीतिक वर्ग का उल्लेख है। पुराणों में आया है कि ऐल वंश के अंबष्ठ ने पंजाब में एक राजवंश स्थापित किया था। पुराणों में उनका आरंभिक विवरण मिलता है; और उससे सूचित होता है कि पहले उन लोगों में एकराज शासन- प्रणाली प्रचलित थी। जिस प्रकार शिवि लोगों में पहले एक- राज शासन-प्रणाली थी और बाद में प्रजातंत्र स्थापित हुआ था, उसी प्रकार इन लोगों में भी पहले एकराज शासन- व्यवस्था थो और बाद में इन लोगों ने प्रजातंत्र शासन-प्रणाली ग्रहण की थी (६५. नोट)। यौधेयों के संबंध में भी पुराणों का यही कथन है कि अंबष्ठों के साथ साथ इन लोगों में भी एकराज शासन-प्रणालो प्रचलित थी। परंतु यौधेय .. पाणिनि पर महाभाष्य; ४ १ १७०. मिलाओ काशिका पृ० २६२-३. पतंजलि के अनुसार अंबष्ठ देश या राज्य का नाम है और उसके निवासी अंबष्ठ्य कहलाते है। सभापर्व, अध्याय ३२, श्लोक ७-६ जिसमें ये लोग मालवो के साथ रखे गए हैं। इसके अतिरिक्त देखो पाणिनि ८. ३. १७. पार्गिटर, जरनल रायल एशियाटिक सोसाइटी; १९१४, पृ० २७७.