पृष्ठ:हिंदू राज्यतंत्र.djvu/२११

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1 (१८०) "हे भिक्खुनो, ऐसे भिक्खुओं को शांत करने के लिये मैं तुम्हे छंद संग्रह करने के तीन उपाय बतलाता हूँ। पहला गुप्त प्रकार गूल्हकम् है, दूसरा सकण्ण-जप्पकम् है, जिसमें धीरे से कान में कह दिया जाता है, और तीसरा प्रकार विवटकम् है, जिसमें प्रकट रूप से या खुले आम छंद प्रदान किया जाता है हे भिक्खुनो, वह गुप्त रूप से छंद संग्रह करने का उपाय क्या है ? जो भिक्खु शलाका-प्राहक हो, वह भिन्न भिन्न रंगों की शला- काएँ बनावे; और जब प्रत्येक भिक्खु उसके पास आवे, तब वह उससे इस प्रकार कहे-'यह शलाका ऐसे व्यक्ति के लिये है, जिसकी सम्मति अमुक हो, और यह शलाका ऐसे व्यक्ति के लिये है जिसकी सम्मति अमुक हो। इनमें से जो शलाका तुम लेना चाहो, वह ले लो। जब वह अपने लिये एक शलाका चुन ले, तब वह कहे-इसे किसी दूसरे व्यक्ति को मत दिखलाना।" ६ ११०. कभी कभी बहुत से निरर्थक व्याख्यानों से बचने के लिये किसी विषय का निर्णय करने का अधिकार उन लोगो मे किसी प्रकार का मतभेद हो, तो शुद्ध अनुमतिवाले बहुमत के अनुसार ही निर्णय होगा। क्षेत्रविवादं सामन्तग्रामवृद्धाः कुयुः। तेषां धीभावे यतः बहवः शुचयोऽनुमता वा ततो नियच्छेयुः । साथ ही शुक्र-नीति ४. २६. से ज्यूरियों की दी हुई ७,५ अथवा ३ वाली संख्या का भी मिलान करो। चुल्लवग्ग ४.१४.२४. S.B.E, २०, पृ०५५, २६, पृ०५६. ..