पृष्ठ:हिंदू राज्यतंत्र.djvu/२६९

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(२३८) प्रश्न यह है कि क्या पुलिंदों पर उनके पड़ोसियों के प्रार्य उदाहरण का भी कुछ प्रभाव पड़ा था। इस वर्ग के किसी राज्य को अशोक ने एकराज राज्य नहीं कहा है; सब को राजविषय कहा है। परंतु काशिका और बृहत्संहिता में इस बात का निश्चित प्रमाण मिलता है कि पुलिदों का एक संघ था। ६ १३६. अंधों के संबंध की समस्या कुछ अधिक कठिन है। उनके संबंध में कोई समर्थनकारी प्रमाण नहीं मिलता। दो पीढ़ियों पहले चंद्रगुप्त के समय में अंध्र अंधों का एक बहुत बड़ा एकराज राज्य था जो शक्ति में केवल मगध से ही घटकर था। परंतु हम देखते हैं कि अशोक के समय में वह उसके साम्राज्य के अंतर्गत और उसका एक राजविषय था। जान पड़ता है कि अशोक के पिता विनुसार ने अपने शासन-काल में अंधों का बल तोड़ ! दिया था, क्योंकि उसके विषय में यह प्रसिद्ध है कि उसने समस्त भारत को मिलाकर एक करने के संबंध में अपने पिता चंद्रगुप्त की नीति का अवलंबन किया था। कहा जाता है कि उसने पूर्वी और पश्चिमी समुद्रों के मध्य में सोलह राजधानियों

पाणिनि पर काशिका. ५.३ ११४.४० ४५६. बृहत्संहिता ५.

३६. पुलिंदगण । । विन्सेन्ट स्मिथ कृत Farly History of India (तृतीय संस्करण ) पृ० २०६ मे, प्लिग के संबंध में विवेचन देखो