पृष्ठ:हिंदू राज्यतंत्र.djvu/२७४

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तंत्रों ने बहुत ही शीघ्र अपनी स्वतंत्रता खो दी; और उसके खोने के साथ ही साथ उन्होंने अपनी सामाजिक स्वतंत्रता भी खो दी; और तब से वे एक छोटी जाति के रूप मे हिंदुओं में सम्मिलित हो गए; क्योंकि हिदू लोग मानव संघटनों या समाजों को केवल जाति के ही रूप में और जाति के ही ढंग पर देख तथा ग्रहण कर सकते हैं। इसलिये इसका परिणाम यह हुआ कि ये लोग छोटी जातियों में सम्मिलित हो गए और हिंदु शासकों की अधीनता मे रहने लगे।