पृष्ठ:हिंदू राज्यतंत्र.djvu/३२४

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(२६३) अपने उपदेशों में मगियों (Magians) के ढंग ही क्यों न मिला लिए हो। जैसा कि आप चाहते हैं, आप बहुत प्रसन्नता से मेरा यह कथन उद्धृत कर सकते हैं।" 8 १८३. कुछ बातें ऐसी हैं जो उक्त सम्मति का समर्थन करनेवाली समझी जाती हैं; और पहले मुझे उन्हीं बातों पर विचार करना चाहिए। हिमालय की चंबी शासन का तराइयों मे कुछ छोटे छोटे प्रजातंत्र राज्य उदाहरण हैं; और चंबी की तराई में, जैसा कि मि ई० ० एच० वॉल्श ने प्रकाशित किया है, निर्वाचित शासन-प्रणाली का एक पुराना ढंग प्रचलित है। मि० स्मिथ ने मि० वॉल्श के उसी विवरण का उल्लेख किया है, जो उन्होंने इंडियन एंटीक्वेरी (१६०६. पृ० २६०) में प्रकाशित कराया था* । मि० वॉल्श के विवरण के अनुसार वहाँ के देहाती प्रति तीसरे वर्ष एक निश्चित मिखन स्थान में एकत्र होते हैं और दो कोंगडुओं के सामने, जो तराई के दोनों विभागों के स्थानीय शासन के प्रधानों और प्रतिनिधियों के रूप में मिलकर कार्य करते हैं, अपने गाँवों के चुने हुए मुखिया लोगों की एक सूची उपस्थित करते हैं। उस सूची में से दोनों कोंगडू चार ऐसे आदमियों के नाम चुनते

परंतु जिस समय मि० स्मिथ ने यह पत्र लिखा था, उस समय

उनके सामने उक्त अंक नहीं था; और यह आवश्यक नहीं है कि एक समाचारपत्र में दी हुई उसकी सूचना के आधार पर दिया हुआ यह विवरण बिलकुल ठीक ही हो ।