पृष्ठ:हिंदू राज्यतंत्र.djvu/८६

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( ५५ ) ३४. इसके अतिरिक्त पाणिनि ने यह भी कहा है कि ये सब प्रजातंत्र वाहीक देश में थे। यह वाहीक देश कहाँ था ? इस बात का पता लग चुका है वाहीक देश कहीं था कि महाभारत मे जिन वाहीक लोगों का उल्लेख है, वे पंजाब में रहते थे। परंतु अभी तक वाहीक देश के महत्व पर विचार नहीं किया गया है। मेरा मत है कि वाहीक का अर्थ है-नदियों का प्रदेश और इस दशा मे वाहीक देश के अंतगत सिंध और पंजाब दोनों होने चाहिए। महाभारत के अनुसार भी यही प्रदेश वाहीक के अंतर्गत प्राते थे। उसमें लिखा है कि वाहीक वे लोग थे जो पाँचों नदियों तथा छठे सिधु नद की तराई मे रहते हैं।। व्याकरण मे दिए हुए वाहीक प्रजातंत्रों देखो सिल्वेन लेवी का लेख इंडियन एंटीक्वेरी, भाग ३५, (१९०६) पृ० १८ मे। यह शब्द 'वह' धातु से निकला जान पड़ता है जिसका अर्थ 'बहना' है। वाहिनी का एक अर्थ नदी भी होता है।

  • पंचानां सिंधुपष्ठानां नदीनां येऽन्तराश्रिताः। कर्णपर्व ४४.७.

पाणिनि के संबंध में नागेश का प्रदीपोद्योत 'एक प्राचां देशे १. १. ७५, "शतदुर्वि पाशैरावती वितस्ता चंद्रभागेति पंचनद्यः सिंधुः पष्टस्तन्मध्यदेशो वाहीक इति तद्व्याख्यातारः।" महाभारत के अनुसार सारा पंजाब एक ही शासक के अधीन था और वह शासक शाकल में रहता था; और सब लोग धर्मभ्रष्ट होते जा रहे थे। इससे मेनांडर और उसके बाद का समय सूचित होता है।