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पृष्ठ:हितोपदेश.djvu/१०

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मित्रलाभ भाइयो, मै फिर कहता हूँ कि इन दानो से दूर ही रहना चाहिए। कही लोभ में फंसकर हमारा भी वही हाल न हो जो लोभ के कारण एक राहगीर का हुआ था। राहगीर की क्या कथा है ? कबूतरों पूछा। चित्रग्रीव ने राहगीर की कथा सुनाई "