सामग्री पर जाएँ

पृष्ठ:हितोपदेश.djvu/११६

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

. चतुर्थ खण्ड सन्धि वृत्ते महति संग्रामे राज्ञोः निहित सेनयोः स्थयाभ्यां गृढ चक्राभ्यां वाचः सन्धि कृतः क्षगात् । D . युद्ध में दोनो राजाओं की सेनाओ के नष्ट हो जाने पर गृद्ध और चकवे ने मध्यस्य होकर हन और मयूर की सन्धि करा दी। - -