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पृष्ठ:हितोपदेश.djvu/६२

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सुहृद्भेद किया और राजा अपने देश मे आकर गिरा। दुःखी होकर अव वह देशान्तरो में घूमने लगा। दमनक आगे वोला अव साधु की भी कहानी सुनाता हूँ।