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हिन्दी भाषा की उत्पत्ति।


(१) बाहरी शाखा। इसकी तीन उपशाखायें हैं—उत्तर-पश्चिमी, दक्षिणी और पूर्वी।

(२) मध्यवर्ती शाखा।

(३) भीतरी शाखा। इसकी दो उपशाखायें हैं—पश्चिमी और उत्तरी।

अब हम नीचे एक लेखा देते हैं जिससे यह मालूम हो जायगा कि प्रत्येक उपशाखा में कौन-कौन भाषायें हैं, और १९०१ ईसवी की मर्दुमशुमारी के अनुसार, प्रत्येक उपशाखा और भाषा के बोलनेवालों की संख्या कितनी है।

बाहरी शाखा


(क)उत्तर-पश्चिमी उपशाखा
१काश्मीरी
२कोहिस्तानी
३लहँडा
४सिन्धी
(ख)दक्षिणी उपशाखा
५मराठी
(ग)पूर्वी उपशाखा
६उड़िया
७बिहारी
८बँगला
९आसामी




१,००७,९५७
३६
३,३३७,९१७
३,००६,३९५

१८,२३७,८९९

९,६८७,४२९
३४,५७९,८४४
४४,६२४,०४८
१,३५०,८४६


७,३५२,३०५





१८,२३७,८९९

९०,२४२,१६७