पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष अष्टम भाग.djvu/३००

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नात्य-माल २१५ प्रा डोप । नगरी विशेष, हरिव'गके पनुमार एक | भसी देसो । ११ एक नरहको तोप। १२ मकड़ो का प्राचीन नगरीका नाम । (हरिय१६०) जान्न । १३ वह युति जिममे दमी व्यक्तिको फ'माया भारुत्य-साम्य देखो। या वगर्म किया पाता हो । १४ किमोशी उगने या धोगा भाष्य (स० वि०) जर माम स्तोत्र वा तदर्ष ति यम्। देनेके अभिप्रायमे यदि को झठा दम्तावेग बनाया मांमानपुट । २ स्तोवाई। ३ विगुप दक्षिणायुक्त | साय अथवा दस्तावेज या उमका कोई पंग बटन यन, यह भावमेध या जिसमें तिगुनी दक्षिणा दी जाय | दिया जाय या किमों के इस्तातरी शो मकान की जाय। "सतो देवर्षिसहित: सरितं गोमतीमनु । तो उसको जान कहते हैं। पाको तर मान म होगे रवासमेधानाज) ारूपान् स निर्गलगन् ।” पर भो झूठे दस्तावेजका पमली पसाना नो या भो (मारत २९.) भान है। दस्तावेजका तमाम हिस्सा धोशा त्यो रहने कोई थोई पगिइन आरुत्य शद कहा करते हैं, पर भो पोर तो क्या इम्तामर तक पानी लेखक होने किन्तु यह प्रामादिक है, क्योंकि, "मृत्भ्याम्पन्" इम पर भी, यदि कोई एक मारवान् गदको परिवर्तित उपादि सूत्र में धातुका उत्तर उयन करके जरुय गन्द किया नाय या बुरे पभिप्रायमे यदि कुछ नया निवा होता है, बाद अख्यमे जायच्या हसया इममे माघ प्राय प्रयवा यदि एक मन को काट कर दमरा मश वैदिक प्रयोग भी मिलता है, यथा-'पोऽपुरविशेषः, बैठाया जाय, तो यह भी जान कहलाता है। शिमी (येदभाष्य) जोविस व्यक्ति के माममे भाठा दस्तावज धमानी जमा क्षारोध (फा. समो०) झाड़, बुहारो, चा। जान होता है, मृत व्यतिके नाम यनानगे भो बैमा हो जारोमकय ( फा. पु. ) माह देनेयाना, घमार । जान होता है। माधारणत: किमो व्यतिपिका म्याय जातिक ( म. वि. ) जातिकदेग या तवामक जाति नष्ट करने के लिए यदि दुरे पमिमायमे नमको मुहर या मम्बन्धोय, जातिकदेगका रहनेवाला या जातिक हमार पादिकी नकल या ठमको मुहका पक्ष भातिका। परिवर्तन किया प्राय : पयवा यदि किमीको मुकमान नार्य (म' वि०) जयत् । सत्य, प्रमसित, तारीफके पहुंचाने के लिए ठमके इम्तरीका पनुकरण किया लायक। जाय, तो उसे भी जान कहते हैं। जिमझे नाममे लान नायक (म पु० ) जायः साये कन्। मृगमद, एक ] किया जाय, उमके इस्ताघरों मे यदि हम मानष्टता. प्रकारका हरिप। वेजको लिखावटमें भाग्य की पोर माधारप मुश्यिाने जाल ( म० पु० मी. ) जन्न घाते बलादिवारण । किमो पमित यहि मनमें 'दोमी दमतादेखि दातामत १ मन्स वा परापपो प्रादिको कमाने के लिए तार या एक हो पादमोके ।' ऐमा मन्दै उत्पयोः पौर सून पादिका बहुत दूर दूर पर मापा एक पट या यदि ठगनेको मनता हो, तो वह भी शान करना हमा। यव । ( भारत 18..) ____ यदि कोई यामिरे परासिको धीपा देने २ गया, झरो३ ममूर, यथा-पअजान लिए दस्तावेज पर पपने उम्तावर नि कर परमको चार यभम्पति पादिको जमा कर उसकी भस्ममे सारी डाम दे, तो वह भी जान पपगमे पायो पना दुपा नमक । ५ दम, परकार, धमड। (मरिना) यदि कोई याविजिमोके रक्षा-पन (IWill) यनात (इन्द्रजान । ७ गावहिंद्रा (Er-पकलिका, ममय, मेमा धमको कहा गया मान मिपकर या फनको कमी । नामयति गावागावादिभिः सहयोति निष्प पपनो रक्षा पनुमार दम्ताजिम कुछ मिन, लन पिप निदिति । पाgic कदम्पस हो वा उममा जान करनामानिमिमाय कि कदमका पेड़। १०मा सारोको बनो या धोपादनेको राम छ मझार झिमोमी का नासो जो मकान मरोगों पादिम समायो जाती है।। फरमेको भान कहते है। ___Vol. Tu..