पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष अष्टम भाग.djvu/३२८

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. नावा (यवहोप) २८३ हिन्द पीर मोहध का प्रभाव परिलन्निग होगा। उत्भव भीतर २४. पृमा मन्दिर हैं, जिनमें प्रत्येकी एक एक के ममय परयदर और पमयानमम मैकड़ों सा ध्यानो युद्धको मूर्ति रहतोगी। रमो प्रदेश 'नामित नोग पुष्पाघ्य दिया करते हैं। ये लोग रिन्पो के मेन्टम' नामक मदिम समात् पामम पर अपपिट पुराणों में वर्णित रातम. भूत, विद्याधर पाटि पर वुदेव. मन यी पोर प्रयनोनिसको मूर्ति विद्यमान है। विमाम करते हैं। कटरमै कहर मुमनमान मो धनधान्यः शिखित पयनीहित मतिरे ममान मुशामूति पात्र को प्रागामे नामोदयोको पूजा किया करते हैं। जावा. ता को भी बोगियो वना नहीं भका , ऐमा सोनी के लोगों में हिन्दुभम के आन्तर्निहित मन्यामबाट पोर ! या पनुमान है। पर पानम् नियट मी एम ममग धर्म प्रायता भो पाई जातो है। कुक भो भो. फिनपान' करते हैं। लाया हिन्दूधर्म का नामतः विनीय हो गया है ; किन्तु , मेन्टुनमे कुछ दूरी पर पृथियो पन्या पायरजनन घानिदीपर्म व भो उमका प्रभाव विद्यमान है। . यापदरका मन्दिर । गाधारणतः अनुमान शि जावारी मुहमारला-मम्ममि फरामोमो विहान महा जाता है कि यह मन्दिर ८५.१० मा था। शिशु मति फमेने मिह किया कि, जावाको चित्रकला और सममें मंदेश नहीं कि म यगाममें ममय वन नगा भाकय भारतीय पतिके अनुकरण या पार्श पर मन होगा। मन्दिरके कामकार्य पर मध्य देनेमे पैमा पy ठित दुपा था 10 १८०६ ई० में मि. फर्गमनने अपने मान होता है कि मन्दिर बनाने मनात शिपिमतमें Indian and Eastern Architecture नामक ग्रन्य में | भी परिवर्तन हो गया था। जिन पभामनामा गरिने लिया है कि जावा-यामियाने उमा कलाविद्या चालुक्य । यह मन्दिर बनवाया था, ये प्रवश्य हो पत्यम्स समता कंगोयोगे मोखोयो । किना फिलहाल J.II.Njzerman गानी पोर ममहिमम्मन थे। पाधुनिक शिक्षामिकाका कहते है कि मि. फर्गुमनने मि. राफन्नम् बारा प्रदत्त मत है कि म त प पर किमो प्रकारका प्राधान्य शिलालेखका पाधार ले कर भूल को है। उनका कहना] प्रभाव नहीं है। है कि जावामें एकमात्र चपीयिमा मिया पम्यान्य | योह छपामकगण रम बिगर मन्दिरकी प्रतिमा सभी मन्दिर दायिडी प्रथा पाद पर बने । । देते थे। परिक्रमा दे? ममय छ प्रायः दो स्मार माचीन भास्कर्य के ध्वमावगेपको दो भागोम विभत | मूर्तियों के दगंन होते थे। एक मूर्तियों में मारा गायत किया जा सकता है-एक तो मातारमगध्य पोर उमके | मुनि पूर्व प्रमका लामा, उमको मिहिमामि पोर निकटवर्ती स्थानों का पोर टूमरा मिरापाजार दक्षिण | महायाममतपाद निगूढ रहस्यों को प्याम्या की गई प्रदेशका । शिम जादाम कुछ मिनाने मिका ६ बुदेव भोवनकी घटनाएं समिम विमार में फारुकामण्डित वमका पन्य कोरे पिक देपन में नहीं ग्रहण कर पति को गई। नामको चिय दिया. पाता। यदान मे मिये गये। परन्तु किमो भो नियम मार. . - जावाको प्रायोन फोर्निया में जान्दिकामासनका मुनिको मियां याया परिस मी। बोधिमाल, चौरमन्दिर गयो मन् ०७४को मवानमने पनाया। पषमोकित, मन यो पाटिको मतियां भी दस साम उल ममयसे वहने पन्य किसी भी मन्दिर निर्माणका) पापित है। सर्माय हा दिपमान एप पी और निपित समय नहीं मिलता। छत मन्दिर सादिया पुरुष दोनों प्रकारको योधिमालको भूमियो पनि नाम पर सास रियायाम पाम हो महायान] गई।जिना सममे किमा प्रचारका लायित प्रभास महावनम्यो मोड़करने के लिए एक दुममा 'महाराम' नही पढ़ा, ऐमा विहानोका पभिमत पौर जान्दिगेदका मन्दिर है। यह मन्दिर देवनेम प्रायः म मन्दिरको मितिमा ममुदाठमे ८.. पुरी ,मगडामा पागोडाको (Pnyxla) मासिका है। एमके चाईहित मदिर मगर •bir Asiatesheenawimmratim Tolar-Dirtal-III disatellite, L11. Vol. Vill