पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष अष्टम भाग.djvu/३३०

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

जाया ( यवहोप) २९५ चौर २५ दृश्यों में मायादेयौरे स्वप्नका वन निदर्शन में प्रस्तर बौदित दोघमन गोभित निमोजिसने गत है। उसके बाद युहकी यारपतीना, विवाह, दाम्पच गत ध्यानमग्न तषियों को पवित्र प्रतिमूर्तियां सर औधन, रहल्याग, संन्याम. पारस जोयन, वारासमोसे, दो पुतगितिमी मोरगायेर । मृगदाव उद्यान में धर्म चना-प्रवन, स्य नर: नलित फगू गन माइरा का प्रमीन्द्रि विस्तरको गमम्त घटनाएं समुन्चन गिन्यने पुखते-गय कोर्सिका प्राचीन गिदान है। यह माको शो प्रचित है। मताप्दो में बना था।ग जगह पर १० गेमोन स्थानमें __ा बग्यदर मन्दिर प्रायः तोन मोल नत्तरपूर्व में । हिन्दुत्वको विशाल सापयानि विराजित १८१२. शियन पुस्ख भूचित दुग मन्दिर है। देखने में पढ़ाई भारतय मर जगान' कन कलिन न होने पर भी यह शिष्य कीमती पतय कांति है। मेनन वझवनको चोदा मार कर उमपान हे समान यह मन्दिर एता नदोके वागतट पर अरिणत है। नों को मोम मा को है। १८३४ ई० में हाटमैन हारा यह नोक-समागमे प्रका• प्रवन यामती घोर सुरती देग थोपा । जित हुआ था। इसका नाम है मान्दात (मायाता)। यहां पायाको मूर्तिया मनो किजिमको कोई रामा। या मेगापि थाग्न यगिरिक धातुनिःनय पीर भस्मगगि. नहीं । प्यानमग्न तयारियों को मूर्तियाँको टैग पर मे ममान्न बा। इमको नयाई चौड़ाई ७० फुट है पायाय विद्वानों ने पाने तो नियय किया कि दुको पौर योगान उच्चना १६ फुट । दमो मोतर गुम्बन के है, किन्तु का मिजात मा कि पे पिता मुनि नीचे विशालकाय ३ देवमूर्तियां हैं, जिनमें विण, है। पासा विज्ञान नमानको ययाापको वारामा और शिवको मूर्ति भगाना पहचानो ज्ञा मझता है। कहते -"Which bahen stylel thr. जो मूर्ति युद्धको मिशित की गई है, उसका मस्तक कुत्सित देशदाममे गोभित है झिमो किमोका कहना है lienaras of cutral Jiya" वर्ग १५.. पुरन किया पुस्मूर्ति नहो; यकि किमो पना देषको पयंत पापमय हिन्दू देदेविको मूलका १, जिनमें पधिकांग हो प्रस्ताव भोर कुन धातुमय । म पर विना मूर्ति के पास हो प्रफुलकमलामना पटभुजा चढ़ने के लिए ४१ मोगन-मनिए पापापमयो लक्ष्मोटयो सुशोभित है और उनके चारो पोर टेय. अधिरोहयो । पधिकांग मन्दिा प्रतिमूति गम्य-पय कन्याए कमलटन में उन्हें प्यजन कर रहो है। पयत वामि, गाईनोकाया है। समगे मन्दिर सुदर प्रफुसकमन्तदन्त पर पचतुर्भशभूति विराजमान है। म.तमूतिर्वा सुगोमित है। परन्तु पय मन्दिर पीने कामनामनके समानदाइको फसामगिहन फोन या टक गये हैं। हुए ८ (गायद कानोपदमनका चिव मोगा), पफ अपन मन्दिा पोर देवमूर्ति या नाना शेणियमि मनमोदित हलके नोने ये एवाधारायण मनि मुगोभित! विभव, जिनमेंगे दो घारका मंदिर वियप दिया है, और एक मूर्ति प्रभग्न, र मभयतः कदम्प या ] शाता है। तमानका शेगा। कटम्म घड़ो निपुणता माघ । मासोदाम -यर मन्दिा नया मको पाचन किया गया ममय भारत में उमको जोहोको अधिकांग प्रस्तरमूर्मिया मल। मन्दिानी पादपप्रतिमूर्ति गिोवा नहीं सोना । फागनमामी ३.आय, रमहा मितिको विनि पोर प्रोग फुपिठलभायमे हमको चिन्द्रोनि बनाया है। पारका पाप भोसाय | Artiपोरगाहो मन । पुरखमय शेषनका पिनपनाका नि भग्नमूर्तियां दे पाती। रिपो होशाने पर भी, यो प्रायनमें पतीस गोरमको ----- - ----~- ~~ ..... - विराट की िम भो विद्यमान है। पवमो ब्रायन .tas..ATRav i