पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष अष्टम भाग.djvu/६६६

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ज्यामिति ६०० को उच्चतर ध्यामिति मागते ।। टोके. अनेक शियोंने कहा जाता है, कि जो गणित पढ़ते थे उन्हें क्लिड ग्यामितिकी बहुत उपति को है--बहुतोंने जामितिक अत्यन्त नेई करसे । उन्होंने कई एक पुस्तक निग्लो है। पुस्तक लिखो है, किन्तु वे भी नहीं मिलती हैं। इनके - (१) ज्यामिति मायधीय युष्टि मिग्वान: निये शिमिमे दो बहुत प्रधान है-इटडोत्तम (Etteloxus) भान्ततर्क के मम्बन्धका एक ग्रन्य। यह पुस्तक पभी और परिघटन, (. ristotle)। एउडोनम ( Eu. घमाग्य है। (२) सूचीच्छेदक चार पध्याय । प्रप. doxus )ने उकिडके पञ्चम अध्यायमै यति अनु। लोनियसने (Arollonius) इस पुस्तकको यधेट उयति पात-नियमके पाविष्कारक अरिष्टटन और उनके दो माधन कर और भी चार प्रध्याय नयोजित किये हैं। शिया थियोमाष्टम ( Theoplirastus ) एवं इउडममके किन्तु उकिडने इम मुम्त ककी रचना को है या नहीं (Endemus) जरामिति सम्बन्धमें एक पुस्तक लिखो है। इस सम्बन्ध प्रोकन कुछ भो उन्लेख नहीं किया है। इउडेमस के ग्रन्यमे हो प्रोक्रामने उनके अनेक तथ्य मग्रह (३) विभाग मम्बन्धोय पुस्तक। इस पुस्तकमें किये हैं। अटोलिकम (Autolyeus न गतिगोल भित्र भित्र प्रकारके ममतन्न का विषय लिया है। चक वा वृत्त सम्बन्धमे एक पुस्तकको रचना की है। (४) छेदितघननेव ( Purisms )। यह तोन कहते है कि किडो शिक्षक प्रमिह परिटियम (Ari. ' पधायमें विभत है। status . ) ने सूचीकेटका विषय और जामितिक (५ ) Locorum and snnerficium. . घनक्षत्रका भवस्थिति विषय पांच अध्यायों में निवाया। , (६) दृष्टिवितान पोर प्रतिक्षिपदानयिद्या। एम पुस्तकका एक अंग भो भो नहीं मिलता है। (७) प्योतिर्विचाविषयक दृष्टि। इसमें मगहल. । इउलिडने ज्यामितिक जगत् में एक युगान्तर उपस्थित मम्बन्धीय ज्यामितिक मत पालोचित हुपा है। किया है। इउमिडके नाम पोर ज्यामिति परम्पर मम्बन्ध (८) क्रमविभाग एव' लयप्रयेग, इमरो पुस्तक में है-एकके कहनेमे दमा अपमे पाप मन या जाता लिखे हुए ममका पहलो पुस्तकमै ज्यामिति के नियमानु. है। फलतः उकिड हो यूरोपोय ज्यामितिके स्थापन मार प्रतिवाद किया गया है। समोसे कोई कोई कहते कर्ता है। उनके पूर्ववर्ती ग्रन्यकारगण अपनो पुस्तकमें | हैं. कि पहली पुस्तक लिडको लिखो नहीं है। पनियमित रूपमे जो समस्त तत्त्व प्राधिकार कर गये हैं, (८)बोलतविषयावली । ग्रोफर्क जितने ज्यामितिक उकिडने उनका सार संग्रह कर सुगृहलभावसे न्यामि विपके ग्रन्य हैं, उनमें यही प्रधान है। प्रोरुमके .तिका पतन किया है। एउझिडने जिस तरह मया ! गिण मेरिनस ( Marion )ने रम पम्तकको भूमिकाम होम रूपमें ज्यामिति शास्त्रका प्रवर्तन किया है, याज स्वीशत पीर अस्वीकृत विषयका पार्थ क्य निर्देश किया तक किसी ने इस तरहका ने पुरख और गषेपणका प्रदर्शन है। नहीं किया है। उनके पहले ग्रोम और इजिपमें जो (१७) उपक्रमणिका (श्यामितिक)। यह ज्यामि- मव भ्यामितिफ प्रतिधा भाविकत हुई, घी, इनिडने | तिक उपक्रमणिका मनसुन्दर नहीं है। इसमें कहीं • उन्हें, संग्रह कर पागर्य नैपुण्य पोर मुन्ना माय! कहीं कुछ दोष भो झनकता है। इस तरह कर एक भिव मिय पध्याय विभक्त किया है। खयमिह है । उन्हें प्रकृतपसमें समिह नको. या • इतिडका जन्म कहाँ दुपा था, यह निराय नहीं। मकने । । ये पलेकमेन्द्रिगामें ( Irandria ) एक विद्या. कई जगह जो प्रमागामापेस तथा प्रमाण भी किया लय स्थापन कर यदुतमे लोगोंको गणितको गिधा देते थे। जामकता है, व खोकार कर लिया गया है:-जिम म ममय पोकोन्द्रियामें लिमो मोटर ( Ptolemy, तरह मना निदेगकाम निया है कि इसका व्याम Soter, irst) गम्य करते। उक्लिड पधिकांग: उल मेवाको ममान दो भामि विमला कासा यह गिय योमवामी है। ये २८४६. परमे विद्यमान थे। स्वयं मह द्वारा प्रमाण दिया जा सकता हो कती