पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष अष्टम भाग.djvu/८०३

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झॉमौकी रानी free मारवit अमी नि:मन्दिय किया जायगा । य: प्रम मोशत एमा। दुर्ग यामियी पिम मिशियोको भुमिका विषय प्रकट किया ने अमन छोड़ दिये। दुर्गमे याया करनेका पायोजन होने डा। रम एक या दो दिन बाद दिनदहाई भगा। पर पभागों के लिए कार म दाणाद्वार दो मेनानियाम अन गये। ५ तारोदको दुर्गको निममे भो न पाये कि रत में मान मनिकन सरफ धन्दकोको पायाज शेने गो। पत्रिकामोर्ग किमी पा कर उठे बन्दो र मिया | पच पाधापमान या मरफ भो दृष्टिपान न कर पानासा और मम्मतिमा पामरक्षा करनेका भो कोई पाय मानिह . लिए उद्यम एण। युहम पममयं यूरोपोयगा अपनी भेडीको तरप सुपचापपरो | Rो ममय कुछ मया पपनी मम्पत्ति और परिवारवर्ग को ले कर नगर के दुर्ग-1 ने पा कर कहा- रेगनदारका हुनर किदियोंको में माहि । पछि एक टिन ममेरे ममय मैनिक दन | मार डालो।" फिर क्या था, जो पुरुष, वाम-पामिश्रा गपर्म गर के विकट पड़े हुए और अपने अफमण पर गोली मयको, मार डाला गया। इनको लामें तीन दिनकर चनामे लगे । प्रायः मभो यरोपीय मारे गये। निफ एक । रास्ते में ही पड़ी रही। पीछे मामूली तौरगे एक सरफ मेनापतिमें किसो सरह मारो चोट पाकर मो अपनी पुरुपौकी और दूसरी तरफ पियोंको ममाधि को गई। साम यचा मी और घोड़े पा चढ़ दुर्ग में पाच गये। रम तर ५.३० ईसाइयों के शोणितसे झामोडे माघे उत्तौशिन मेनाने मेना नियाम खमको नदो या टो। पर कनाटोका लगाया गया। इम बाद उन लोगों ने जेमके कैदियों को पुटकारा है । उत्तेजित सिपाहियाने पोको हत्या को दापनी' दिया पीर कचरीम पाग लगा दी। पमा उसे जिन न्ट मी मामी के दुर्गम-झामीके मेनानियासमें उनका मतिको, कागमा फैदियों पौर विश्वामघातक मिपा प्राधान्य हो गया। इसके बाद उनका मामाद पर जियो ने मिल कर दुर्गको घेर लिया। मध्य गया, प्रामाद घेर लिया। उनके दलपतिने रानीम योजनको प्रात:कान श्री फगान स्कीनने, टुग मे | कहा-"मझोग दिलो जा रहे है: म ममय विमा वाधा पम्यव चले जानेका बन्दोबस्त करने के हमें एक लाख रुपये न मिझे तो राजप्रामाद तोपमे मिए ममोवाईके पाम कुछ कर्मचारी भने । कक्षा जाता रहा दिया नायगा ।" सनो.मड़ो प्रत्य स्पनमति थीं। कि उन कर्मचारियों को मार्ग में हो रो कर गनो- उन्झनि, इस विपत्ति न घबड़ा कर फरला भेगा कि . के पास पहुंचाया गया था। गनीने उनको पित "मग राज्य, मेरी गम्पत्ति मय कुछ परहस्तगत को गों मैमिकों के साथ मौप दिया। ममिको मायातमे | म समय में दारिष्ट्राम पीड़ि -मरोकी मग म मार गये। या मंत्रों का विवरपा frन्तु दता-! ताज-पनाया मुझ जग्गे पनाया पर पत्याचार वेय बनवन्तं पारमनप्रीमो लिखिए नमो गई जोवन करना पाप देगीय मिपाहियों के लिए उचित मी।" सरिर रमका उलेख गहों है ( झामो प्रधान मटर परन्तु सिपाहियों ने पम पास पर सरिक भो ध्यान मरी भमान रानो नोकरों के डाय मारे गये। कोन और दिया। इधर रामों के पिता मिपानियों को गामा ने ईनमा उम टिम चार बार पनि छ। प्यों लिए उनकं मार पाम गये। विमा सिपाहि. समझो पवमा प्रेजों को याध पी कर मन्धिनका यौन उन्हें यांध लिया पौर कहा- कपये न मिलने मन का फगनी पसी। पर हम भोग रानो के दामाद मदागियगय नारायणको • सपनाका तो देव मिणपियों पयागपतुंग राजगहो पर बैठा मारानीको कुछ उपाय सभा। सर पर उपयित ए पोर कमान श्री को गम्भीर भाय: घम्हों में पिताको मोड़ देने लिए कहा और अपनो कम्पत्ति 'म करते देप, मालेमरपद नामक. एक डाकर मे एक माष रुपये के पमहारादि पर मिति द्वारा Riar fr'यदि मोग पर परित्याग योको गाना किया। मिपायो मोग पर्व मोममे पाएम पूक दुर्गममप करें, तो उनका गा मोग नहीं कर "मुनत पदाका : गुन्हा झोमीको गनी मन्त्री