पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष अष्टम भाग.djvu/८३७

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  • झोपड़ो

मनपा रही है। मम मनन पोर विगदादन प्रधान भार । ४ मा पति, देग, जो कार्यको .. पाणिज्यस्थान। किसी कामवोधन . ... .. .. . किस काम धूमधाममे पर करनेको कियाममा... • छोटे छोटे गौसर महो प्रथया कभी बने। वार, ठाट, चान । पानोका हिमोरारम गायकी । कभी कभी बड़े बड़े सर टोवारमें मो मायदे ।। मजबूतोके लिये दोनों पोर नगे हुए दो । दिये जातो भी धनवान ममुन कटे हुए चोरम पत्थर- झाकना (हिन्दिोमे मामनेको पोर डासमा। में घर पोर मस्जिद मनानि । मामान्तक हार सर २ बलपूर्वक पागेको चोर बदामा ।। ३ पटुन.पधिक R* चित्र विक्षित तथा घरका भीतरोभाग मुमः। व्यय करमा. बिना सोचे विचारे खर्च करना 1. ४ किमो जिस भी है। यहां मभी अपने घरको अत्यन्त परिकार आपत्ति में डालना। ५.कार्यको बहुत अधिक भार मापना, रपते। । बहुत ज्यादा काम जर डालना।। दोष पादि नगामा । गह पोर वामरा यक पधिवामियोका साथ है। किवा (हि.पु.) वह मनुष शोभा या भारम भड़ गुन्हरी, सगडम और जो भी कभी कभी काममें लाया पताई प्रादि फेंकता है।' : . . . जाता है। यह प्रायः ममो लोग मोम पास है। झीकथा ( स्त्रो०)। मोकनेको किया। मौक- म जिनकी २८५३ वर्गमीन जमोनमेंमे मायः ११०४ || यानेकी क्रिया। यर्गमोलमें रोती तो चौर १७. वर्गमोन रोती के उप झोकवाना (हिं शिक) झोकमेका काम किसो दूसरे युए। पधिोग खेतमें गेह या घाजरा उपनाया मे कराना।२ किमीको पांगको भोर जोरमे डालना। नासा । गेप जमोनम उपयोगितानुमार धान इत्यादि झोका (Eि: पु.) १ प्राधात, प्रतिघात, पका, रेला, रोपा जाता है। 'झपट्टा । २ वेगले चलनेवालो वायुका पाघात । ३ वायु. पमेरिकम गुठफे ममय यहाँ कपास यात सपजायो का प्रवाह, झकीरा। ४ पानोका हिलो।। ५ घास- जानी चो; बिना इसके बाद उमका मूम्प कम हो जाने- | मे लगनेवाला ऐसाधना मिसके कारण कोई पशु गिर ६ कारण रुपकनि पूर्व सपि भयम्नम्पन की है। तोभोपही मजावट, बार, चाल । ७ कुम्तीका एक च। या कपामकी उपज बिलकुल नहीं गई है। भारतका १ झोकनेको क्रिया या भाव। वर्षफे सरम तरह फल और साफ-समो पधिक उत्पय | २ झोंकनकी मजदूरी! .. शेती है। झांकिया (हिं.. ) वह मनुष्य जो भाइमें पताई पाटि स्यशेष, जल सींचनेका कोई विस्टस उपाय नहीं झांकता हो। .. । अपगप नदी के किनारे पथया उपत्यका, कुपो मो . भारदेसी बोझ. भार । .. नाद कर उसमे पनी पपनो जमान सोपते हैं। एक जोखिम, जोगा . कुए जलगे मत कम अमोम मीचो आतो। किना )ोध, गुस्मा। . . रातमें लपक इतनी माद देते पोर इतने यय से जोतते मोह , माही। २ पास, मासुट .. कि मभरमें कोई न कोई फमल प्रवाश हो हो जाती ३ ममूह, जरी। तर भागको मालभूमिमें मातमे छोटे छोटे सडाग ड़े , बड़े वानीका समूह २ एक को बंधा कर उनमें जन जमा किया जाता पोर उसोमे वार पाबानमाला.पसलो मम्मी यशोंका ममू! गत मोघाला है। किन्तु ऐमा करनेमे पाहुत वर्ष भनेको र उधर रिलमि के लिये दिये · लानका पढ़ता 1. सतरा मामान्य रहस्य के लिये बहुत कठिन का पंगभैमका बथा, पढ़या । ५ महिया हो जाता। बातम पहरेजी राधम पनी मत्ति मा . निरापद माम कर बांध कैयार करते सकारत या प भासाटो।... . .. ऐसाकी व सुविधा है। यह रूपकों को अवमा मन्दगी पयामा, सुटिया!" . * .