पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष अष्टादश भाग.djvu/१०४

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मुमताजसिकोह-मु.४ . साढ़े सात करोड़ रुपये खर्च हुए थे। ताजमहल | ओर इस प्रकार ... वि . in न हो, मोच- स्थापत्य शिल्पमें अद्वितीय कीति है। १६५४ ई०में | खाना। ६ हिचकना, o ।। इसका निर्माणकार्य समाप्त हुआ। ताजमहल देखो। मुरका (हिं. पु० ) १ वहुत ऊंचा और बड़े बड़े दांतों- मुमताजसिकोह-अम्राट शाहजहांका दूसरा लड़का।। वाला सुन्दर हाथी। २ गड़रियोंका भोज जो वे अपनी मुम्मडिदेव-एक जैनसूरि, अल्लाउसूरिके पुत्र । यह संसार विरादरीको देते हैं। तरणी नामसे योगवाशिष्ठके स्थितिप्रकरणकी एक टीका | मुरकाना ( हि क्रि० ) १ फेरना, घुमाना । २ लौटाना, लिख गये है। घुमाना। ३ किसी अंगमें मोच लाना। ४ नष्ट करना, . मुम्बई-बम्बई देखो। चौपट करना। मुयस्सर (अ० वि० : मयस्सर देखो। मुरकी (हिं० स्त्री० ) कानमें पहननेकी छोटी वाली । मुयाजम खाँ खानखाना-मीरजुम्ला देखो। मुरकुल (हिं० स्त्री०) हिमालय और शिकिममें होनेवाली मयाजम खाजा-सम्राट अकबर शाहका मामा, हुमायकी एक प्रकारकी लता। इसकी शाखामिसे एक प्रकार- स्त्री हमीदा बानो बेगमका भाई। यह बहुत दुवृत्त और का रेशा निकलता है जिससे रस्सियां आदि वनाई जाती दुश्चरित्र था। सम्राट ने इसके असच्चरित्रके लिये कई! हैं। इसका दूसरा नाम 'वेरो' भी है। वार इसे राज्यसे निकाल भगाया था। १५६४ ईमें मुरगण्ड (सं० पु०) मुरं वेष्टनमिव गण्डति रजति अनेन इसने अपनो स्त्रो फनीमा वीवोको विना किसी कारण गण्ड-बच । वरण्ड, मुहासा। मार डाला, इस पर सम्राट्ने इसे कैद कर लिया और मुरगा (फा० पु०) १ एक प्रसिद्ध पक्षी। यह सफेद, दूसरे वर्ष मरवा डाला। पोला आदि कई रंगोंका होता है। खड़ा होने पर इसकी मुयाजम महम्मद-बहादुरशाह देखा। ऊंचाई प्रायः एक हाथले कुछ कम होती है । इसके नरके सिर पर एक कलगी होती है। लोग इसे घरमें पालते मुयासो-पश्चिम-बङ्गवासो असभ्य जातिविशेष । कम- । रुद्दोन उमूर खाने भाटघोरा आक्रमणकालमें इस जातिके । 1 और मांस खाते हैं। इसके बच्चे को चूजा कहते हैं । साथ युद्ध किया था। विशेष विवरण कुक्कुट शब्दमें देखो। २ पक्षी, चिड़िया । मुरंडा (हिं० पु०) १ भूने हुए गरमागरम गेहूं में गुड़ मिला मुरगावो (फा० स्त्रो० ) मुरगेकी जातिका एक पक्षी । यह कर बनाया हुआ लडू, गुड़-धानी। (वि०) २ शुष्क, जलमें तैरता और मछलियां पकड़ कर खाता है। यह सूखा हुआ। पानोके भीतर कुछ देर तक गोता मार कर रह सकता मुर ( स० क्लो० ) मूर्यते इति मुर अन्यत्रापीति भावे क । है। इसके पर मुलायम होते हैं और नर मादा दोनों प्रायः एक-से ही होते हैं। जलकुक्कुट देखो। १ वेष्टन, वेठन। (पु० ) मुरति वेटतेऽसौ मुर-क १२ मुरगालो ( हि स्त्रो०) मूर्वा । दैत्यविशेष। इसे विष्णु भगवान्ने मारा था, इसीसे | मुरङ्गिका (सं० स्त्री०) मूर्वा । उनका एक नाम 'मुरारि' पड़ा। मुरङ्गी ( स० स्त्री०) १ कृष्ण शिग्रु वृक्ष, काला सहिजन । "शम्बरं द्विविदं वाण मुरं बल्कलमेव च। २रक्तपुष्प शोभाञ्जनवृक्ष, लाल फूलवाला सहिजन । अन्यांश्च दन्तवादीनवधीत् काश्च घातयत् ॥" मुरचंग (हिं० पु०) एक प्रकारका बाजा। यह लोहेका (भाग० ३।३११) वना होता और मुंहसे वजाया जाता है। इससे ताल मुरई (हि० स्त्री० ) मूली देखो। भी देते हैं। मुरक (हिं० स्त्रो०) मुरकनेको क्रिया या भाव। मुरचा (हिं० पु० ) मोरचा देखो। मुरकना (हि० क्रि०) १ लचक कर किसी ओर झुकना, मुरची ( स० पु०) पश्चिम दिशाक एक देशका नाम । . मुड़ना । २ फिरना, घूमना । ३ लौटाना, वापस होना । मुरछना (हिं० कि० ) १ शिथिल होना । २ अचेत होना; ४ विनष्ट होना, चौपट होना। ५किसी अङ्गका किसी! वेहोश होना। Vol. xVIII. 26