पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष अष्टादश भाग.djvu/५२८

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५२५ यमयन-यमवत्स यम। यमयन ( स० पु० ) शिव, ब्रह्मशिरोहर्ता। | यमलसू (स स्त्रो०) वह गौ जिसके दो बच्चे एक साथ (हरिवंश २७८।२७) उत्पन्न हुए हों। यमया (स'० स्त्री० ) ज्योतिषके अनुसार एक प्रकारका | | यमला (स स्त्री०) १ एक प्रकारका हिक्का या हिवकी- नक्षत्रयाग। - का रोग जिसमें थोड़ी थोड़ी देर पर दो दो हिचकियां यमयातना (सस्त्री०) यमके दूनोंकी दो हुई पीड़ा, एक साथ आतो हैं और सिर तथा गरदन कांपने लगती . नरककी पीड़ा । २ मृत्युके समयकी पोड़ा। है। २तान्त्रिकोंको एक देवो।३ एक प्राचीन नदीका यमयिष्णु (सं त्रि०) नमस्कारेच्छु। नाम । यमरथ ( स० पु०) १ महिष, भैंसा। ३ यमका वाहन । यमलार्जुन (सं० पु०) यमलौ च तौ अर्जुनौ । गोकुल- यमराज (सपु० ) प्राणिसंयमनात् यमप्रभृतयः किड-1 के दो अर्जुनवृक्ष। इसका विषय भागवतमें इस प्रकार रास्तेषु राजते यमेन संयमेन राजते इति वा, राज क्विप् ।। लिखा है, कुबेरके दो पुत्र नलकूवर और मणिग्रीव थे। ये दोनों एक वार मद्य पी कर मत्त हो रहे थे और यमराज (स' पु०) यमश्वासौ राजा चेति (राजाह- नंगे हो कर नदोमें स्त्रियोंके साथ क्रीड़ा कर रहे थे। सखिभ्यष्टच् । पा ५४९१) इति रच। १ यमोंके ऐसे समयमें नारद अकस्मात वहां जा उपस्थित हुए राजा धर्मराज जो मरनेके पीछे प्राणोके कर्मों का विचार और उन्हें इस अवस्थामें देखा। स्त्रियां नारदको देख 'करके उसे दंड या उत्तम फल देते हैं। - अत्यन्त लज्जित हो गई और शापके भयसे वस्त्र पहन "पुरी संयमनी तस्य चित्रगुप्तस्तु लेखकः। । लिया। किन्तु नलकुवर और मणिग्रोव ऐसे मदोन्मत्त भृत्यो चण्डमहाचण्डौ धूमोर्णाविजये प्रिये। हो गये थे कि नारदको आना उन्हें विल्कुल ही मालूम विचारभूमिका नीचिः सहायाः कालपूरुषाः ॥" (जटाधर) । न हुआ और इसी अवस्थामें वे जाने लगे। नारदने २ ज्ञानार्णवके प्रणेता एक प्रधान चिकित्सक। ; यह अवस्था देख कर उन्हें शाप दिया कि तुम दोनों यमराज्य ( स० क्ली० ) यमस्य राज्यं । यमलोक । अर्जुन वृक्षरूपमें परिणत होगे। ऐसा ही हुआ । नारदके यमराष्ट्र ( स० क्लो०) यमलोक। । अभिशापसे दोनों भाई गोकुलमें यमलाज्जुन वृक्ष हो गये। यमक्ष ( स० क्लो०) यमाधिदैवत ऋक्ष। यमनक्षत, अनन्तर श्रीकृष्णने उस समय इनका उद्धार किया थो भरणी नक्षत। । । जव वे यशोदा द्वार वांधे गये थे। यमल (स. क्लो०) यम लातोति ला-क । १ युग्म, जोड़ा। (भागवत १०११० भ०) (नि.).२ यमज, दो लड़के जो एक ही साथ पैदा हुए | यमलाज नहन् (संपु०) यमलाजु नौ हतवान् इति हन-क्विप् । श्रीकृष्ण। यमलपनक (संपु०) यमलं यमजं पत्रमस्य, बहुव्री- यमलो ( स० स्त्री० ) यमल-स्त्रियां कोष । १ एकमें हौ क। १ अश्मन्नकक्ष, मूंजको तरहको एक घास। मिली हुई दो चीजें, जोड़ो। २ स्त्रियों का घाघरा और . ३.कोविदारवृक्ष, कचनारका पेड़। चोली। यमलच्छद ( स० पु०) काञ्चनाक्ष, कचनारका पेड़ । यमलेश्वर-पुराणानुसार नेपालका शिवलिङ्ग-विशेष । यमलपत्रक (स.पु०) १ कनेर । २ अश्मन्तक । यमलोक (सं० पु०) यमस्य लोकः। वह लोक जहां यमलपुर- वसूही नदीके किनारे एक बड़ा गांव। । मरनेके उपरान्त मनुष्य जाते हैं, यमपुरी। यमालयका .. (भ० ब्रह्मख० ५११७५-८) विस्तृत विवरण यम शब्दमें देखो। यमलवयदुर्ग-मद्रास प्रदेशके कृष्णाजिलेके अन्तर्गत एक यमवत् (सं० त्रि०) संयमी। बड़ा-शैल। यह अक्षा० १६५७ २२” उ० तथा देशा०, यमवत्स (संपु०) यमज गोवत्स, वे गायके दो बछड़े .८०.३८८८” पू०के मध्य अवस्थित है। जो एक ही साथ उत्पन्न हुए हों। Voi. xvI11, 132