पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष अष्टादश भाग.djvu/५९९

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यहूदी हिन, जातिके प्रति होनेवाले इस अत्याचारका चिन साफत जोशिया और हेजेकिया आदि राजे अग्रसर हुए अङ्कित है। थे। इस समय पौत्तलिक धर्शका प्रभाव कुछ कम हुआ मूसा नीलनदके उत्सवके दिन परित्यक्त हुए और था और सनातनधर्मको प्रतिष्ठा हुई थी। किन्तु थोड़े मिस्र राजकन्याद्वारा राजमहलमें लाये गये । यहां राज. ही समयके वाद पौत्तलिकताने लोकसमाजमें सुखसे पालित होते रहे और इनको शिक्षाको समुचित अपना प्रसार कर लिया। पौत्तलिकताके सम्पूर्ण- व्यवस्था हुई थी। उन्होंने फेरो और उसके अधीनस्थ रूपसे नष्ट कर देनेके लिये ईसाइया और जेरेमिया लोगोंको ईश्वरके १० प्रत्यादेश वाक्योंको सुनाया, | भाविभूत हुए। इनके प्रादुर्भावके समय वाविलनराज- जिससे वे विह्वल हो उठे। अब इसरायलोंकी मुक्तिमें नेवुकाडनेजार जेतेकियाके राजत्वकालमें युदा पर आक- किसी तरहकी बाधा न रहो। इसके बाद मूसाके कानान | मण कर जेरुसलेम पर अधिकार किया। नेडुकाडनेजार राज्यमें आने तथा सिमाई पर्वत पर भगवद्वाक्य खादित इसरायलवंशी राजा था। यह अपने दामाद और प्रजाको लिपिप्राप्तिको घटना हुई। कैद कर स्वदेश लौट आया। यहां ७० वर्ष तक कैदी- ईश्वरको ईप्सित भूमिमें आ कर भी उन्होंने ईश्वर रूपमें रह कर वेजियनका स्मरण कर वह निरन्तर रोता की आराधना छोड़ दी । यहां अत्याचारी सल ( Saul )| फिरता था। एक दिनके लिये भी वे वृक्षशाखासे उतार इसरायलोंके राजा थे। दाउद ( David ) और सोल- कर वीणाका झङ्कार नहीं कर सके। मनके राज्यकालमें इनकी सौभाग्यलक्ष्मी प्रसन्न थी। बाविलनसे प्रत्यावृत हो कर यहूदियोंने जेरुसलेमके सोलमनकी मृत्युके बाद उसके पुत्रने राहोवायाम युदा मन्दिरका पुनः संस्कार किया। इस समय सामारि. और वेजामिनके अधिवासियोंका कतृत्व प्रहण किया | तानोंने इनके साथ विशेष शनुताचरण किया था । एजरा और जेरोवायम तथा अन्य १० जातियोंका कर्तृत्व ग्रहण और नेहमियाके सुसमाचारसे हम जान सकते है, कि इस कर एक स्वतन्त्र स्वाधीन राज्यको स्थापना कर दी। संघर्षके बाद इनका धर्म पुनरुज्जीवित हुआ, साधारण पीछे इस डरसे कि उसकी प्रजा फिर युद्धमें लौट आवे, लोगों में धर्मपुस्तकोंका यथेष्ट प्रचार होने लगा और नाना उसने अपने राज्यमें दन और वीरसेवा नामकी दो स्थानों में उपासनागृह खोला गया। ओल्ड टेप्टामेण्टके प्रतिमूर्तियों की स्थापना की। इस वशमें आविजा अतिम भविष्यवक्ता मलाचीको विवरणीसे मालूम होता ( Abijah) ईश्वरके प्रति भक्ति दिखा पौत्तलिकताके | है, कि उस समय यहूदियोंका धर्म भ्रष्ट हो गया था और विरोधी हुए। इसी समय जो सब इसरायल देवमूर्तियों- वे पतित हो गये थे । मलाचीके समयसे ईसाफे जन्म, के सामने घटने टेक कर पूजा नहीं करते थे। उनको तक वे शत्रपक्षसे विशेषरूपसे निगृहीत हुए। मर्दिकाई सतर्क करनेके लिये देवदूत एलिजा और एलिशाने जन्म | (Mordecai) द्वारा इनकी मुक्ति दिलानेकी चेष्टा और प्रहण कियो , फिन्तु दुःखका विषय है, कि कोई भी मलाचीके अतहित होनेके ५० वर्ष पीछे दैवशक्तिका उनको वातोंको नहीं सुना। होसियारके राज्यकालमें | समावेश न होनेसे निश्चय ही यहूदी जातिका विलोप हो असीरीयराज सोलमनके इस राज्य पर आक्रमण कर जाता । माकिदनवीर सिकन्दरके जेरुसलेम पर आक्रमण समारिया राजधानी पर अधिकार जमा लिया और वहां- करने पर दूसरा उपाय न देख, वहांके पुरोहित नेहोराको ' के अधिवासियों को पकड़ कर वह अपने देशमें ले स्मरण और उनमें आत्मसमर्पण कर श्वेत वस्त्र धारण कर गये। सिकन्दर विपुलवाहिनियों के सम्मुरवीन हुए थे। बोर. इधर युदानगरमें इसरायलवंशने कुछ काल राज्य- वर सिकन्दर श्वेतवस्त्रधारी पुरोहितको दैवशक्तिसे मभि- शासन किया था। इस वंशके किसी किसी राजाके भूत हो कर जेरुसलेम नगरीके अवरोधको कामना त्याग अधिकारकालमें पौत्तलिकता आ गई। पौत्तलिकताको पुरोहितोंके साथ उस मन्दिरमें गये जहां सिकन्दरने ईश्वर मनाही कर एकेश्वर उपासनाके चलानेके लिये जेहो- की पूजा को थो। यहाँसे उसने पारस्यकी यात्रा कर दी।