पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष अष्टादश भाग.djvu/६१२

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यहूदी स्वी तारीखको जेरुसलेमके पवित मन्दिर ध्वंसके ' उपासनाके लिये यहां गिर्जा ( Synagogue ) प्रतिष्ठित स्मरणके लिये उपवास। इस दिन सभी लोग शेक हैं। वे यहांके अन्यान्य अधिवासियोंसे सम्पूर्णरूपसे पृथक् चिह्न धारण करते हैं। भजनालयके भूमि पर वैठनां रहते हैं। चीन-विवरणीसे मालूम होता है, कि ८७७ और धर्मशास्त्रंके ऊपर काला वस्त्र ओढ़ाना और सामान्य ! ई०में एक अरवदेशीय यहूदी वणिक यहां वाणिज्यके लिये चना चवा कर हो रहते हैं। पलूल मासारम्भके ब्राह्म आये थे। १२वो शताब्दीमें तोलेदोवासी रख्वी वेनजा- मुहूर्तमें उठ कर सभी भजनालयमें जा कर भजन मिनने पूर्वदेशमें आ कर चीन, तिब्बत और पारस्यराज्यमें करते हैं। इसरायलके वंशधरोंको देखा था। .. 'बेने इसरायल साधारणतः परिश्रमी, मितव्ययी, और फ्रान्स, स्पेन, पुर्तगाल, जर्मनी, रूस आदि यूरो- सभीकी अवस्था अच्छी है, फिर भी वे कुछ कलहप्रिय पोय राज्यमें किस तरह यहूदियोंका प्रवेश हुआ था. और प्रतिहिंसाशील होते हैं। उसका संक्षिप्त इतिहास नीचे देते हैं- पाश्चात्य शाखा। ..सुन्नत हुए बिना यह किसीको अपने समाजमें 'नहीं लेते । जव स्त्रीपुरुव एक वार समाजसे निकल यूरोपीय यहूदियोंको पाश्चात्य शाखा नामले पुका- जायंगे तव विनावेत खाये पुनः न लिये जायेंगे। शीतल रते हैं । दुर्भाग्यक्रमसे यह पाश्चात्य शाखा बहुत दिनों- जलसे भरे एक बड़े बरतनमें अपराधीको बैठा कर २६ से घृणित, निगृहीत और दण्डित हुई है । वेनेस-को मन्त्री- चार वेत मारा जाता है। हाजानका आदमी हो वतसभा ( The Council of Vannes ) में सन् ४६५ई में 'मारा करता है। इस घटनाको इनको भाया 'तोवात'। यह स्थिर हुआ, कि कोई भी ईसाई यहूदियोंके साथ कहा जाता है। 1 बैठ कर भोजन न कर सकेगा। इसके कुछ ही समय बाद खाद्य के सम्बन्धमें यहूदियोंका विधिनिपेध दिखाई | विवाहसम्बन्ध भी निषिद्ध ठहराया गया। और तो देता है। इनमें उत्सवके सिवा साधारण तरह भक्षण क्या, सन् १२४६ ई०में वर्जियासको मन्त्रि-सभामें यह • करनेके लिये प्राणिहत्या करना निषेध है। खुरयुक्त ! भी निश्चय हुआ, कि यहूदी डाकुरको भी कोई अपने 'तथा रोमन्थनकारी पशुके सिवा अन्य पशुका मांस भक्षण घर न चुला सकेगा। फ्रान्समें प्रायः एक शतान्द काल करनेको . विधि नहीं । खरगोश और शकर तक 'यहूदी रक्षक' नामसे फ्रान्सीसी एक सम्भ्रान्त व्यक्ति आदिका मांस निषेध है । जिस मछली पर छलका नहीं | चुने जाते थे। रक्षक चुने जा कर यह कभी कभी रक्षक- होता उसका मांस वे लोग नहीं खाते है । शिकारी पक्षी का काम.भो कर देते थे। दक्षिण फ्रान्समें बहुतेरे यहूदी तथा सरोसृप आदिका मांस सर्वथा वजित है। पैगम्बर । व्यवसाय वाणिज्य किया करते थे, किन्तु समाजसे वहि- • कोशियल और याकूबके विरोधके समय याकूवकी छातीकृत हो माने जाते थे। वेजियार्सके एक स्रष्टान विशप फट गई थी। इसीका स्मरण कर यहूदो किसी पशुको । प्रतिवर्ष एक निर्दिष्ट रविवारको ( Palm-Sunday) 'छातीका मांस भक्षण नहीं करते। (जेनेसिस १२।२५।१२)। ईसा मसीहका परिशोध लेनेके लिये जनताको उत्तेजित इटली, और जर्मनोके किसी किसी स्थानमें यहूदी करता था। इस दिन कितने ही यहूदी मार,डाले जाते या आज भी पीठकें मांसमें छातीका मांस संयोजित रहनेसे निकाल दिये जाते थे। सन् १२६० ई०में यह दारुण उसे नहीं खाते। बहुतेरे इसे वाद दे कर खाते हैं। प्रथा उठा दी गई। इसके बदले यहूदी बहुत रुपये देने 'लेभिरिकासके १७वें परिच्छेदमें सरक्त मांसभक्षण भी पर वाध्य किये गये। इसी तरह युरोपके सभी खटान निषेध है।. | राज्यों में यहूदियोंको कष्ट झेलना पड़ा था। .... ': चीनदेशीय यहूदी रियायू किन-कियान नामसे परि-- स्पेनदेशसे सन् १५६२ ई० में तथा पुर्तगालसे सन् .चित हैं। ये भी उरुपेशी वाद दे कर मांस भक्षण करते १४६७ ई० मे.जो सव यहूदी निर्वासित किये गये थे, वे

हैं। यहां एक लाखसे अधिक यहूदी रहते हैं। इनकी सेफदिम नामले परिचित हैं। जगत्के किसी भी देशके

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