पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष एकविंश भाग.djvu/६२८

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विवाह में दम Exogamy शब्दको असगोल विवाह और | प्रथा दूर हो गई है, उन समाजों में इस प्रथाका माभास Endogamy शब्दको सगोत्र विवाह मान लेते है। और पद्धति चैधाधिक घटनाओं के बहुत आनुसङ्गिक ___ पाश्चात्य पण्डितोंमें मिष्टर योहन पफ मेकलेनेनने | कार्यों में दिखाई देती है। मिटर मेकलेनेनके, बहुत आदिम समाजको वियाह-प्रधा नामकी एक उपादेय पुस्तक सिद्धान्तों में पण्डित-प्रवर हाट स्पेन्सरने यथेष्ट असङ्गति लिखी है । इस पुस्तक में उन्होंने उक्त दोनों तरहक विवाह प्रदर्शन की है। लेनेनका कहना है, कि सभ्य समाजमें - की आलोचना की है। उनका कहना है, कि आदिम असगोत्र विवाह प्रथाका लोप हुआ है। स्पेन्सरने लेनेन- समाजमें दोनों तरक्षकी खोप्रहण-प्रथा दिला होता की युक्ति और उदाहरोको उद्धत फर इस सिद्धान्तका जैसे-एक श्रेणीके लोग अपनी जातिसे विवाहके लिये खण्डन किया है। नाति सुसभ्य भारतवपीय ब्राह्मण. सम्प्रदाय असगोत्र विवाहको ही पक्षपाती हैं। कन्याग्रहण नहीं करते। इसीका नाम है-~-Exogamy ' . लेनेनका कहना है, कि असभ्य समाज में कन्याको या असगोत विवाह और दूसरी एक श्रेणीके लोग अपनी मार डालनेकी प्रथा प्रचलित थी। इसीलिये कन्याओं'. जातिसे विवाहार्थ कन्याग्रहण किया करते हैं, इसको का अभाव हो जाने पर कन्यापहरण किया जाता था। कहते हैं सगान या Endogamy | अपहरण करके भी हीट स्पेन्सरने इन दोनों सिद्धान्तों का खण्डन किया स्त्रीप्रहण प्रथाकी मालोचना इस प्रन्थों की गई है। है। उनका कहना है, कि मसभ्य समाजमें जैसे कन्यायें . पण्डित-प्रवर हर्वाट स्पेन्सरने मेकलेनेमके आदिम समाज- फा विवाह सम्बन्धीय सिद्धान्तोंका खण्डन किया है। मार डाली जाती थीं, वैसे ही लड़ाई झगड़े कितने हो . मेकलेनेनका यह एक सिद्धान्त है, कि आदिम समाज- पुरुप भी मारे जाते थे। अतएय. यह कहा जा नहीं सकता, कि फेवल कन्याओं को ही संख्या कम होती में सदा सदा ही लड़ाई झगड़ा और कलह हुमा थी। जिस समाजमें कन्याओं को संख्या कम होती है, . करता था। इस अवस्थामें चोरों को या योद्धाओंको हो अधिकार मिलते थे। इसलिये चे उत्पन्न पुत्रियों को उस समाजमें बहुविवाह-प्रथा असम्भव हो जाती है। मार डालते तथा पुत्रों को बड़े यत्नसे पालनपोषण लेनेनने स्वयं ही लिखा है, कि फ्युमियांनगण , कन्याप- हरण कर विवाह किया करते हैं और उनमें बहुविवाद- करते थे। इस अवस्थामें समाजमें कन्याओं का प्रथा प्रचलित है। बहुविवाह कन्याओं को कमोका द्योतक घड़ो अभाव हुआ। इससे पफड़ पकड़ कर विवाह फर लेनेकी प्रथा प्रचलित हुई। और इसीलिये Exo. नहीं।' तासमेनिया बहुविवाहका यथेष्ट प्रचलन है। लायड ( Lord )ने लिखा है, उनमें अपहता gamy या असगोत्र विवाहकी प्रथा पहले प्रचलित हुई थी तथा यह विवाह बहुत दिनों तक स्थायि. कन्यामों का वियाह ही अधिक दिखाई देता है। आदिम रूपसे समाजमें टिक गयो । अन्तमें अपने अधिवासिमि अष्ट्रेलियाके अधिकांश लोगोंके पास वंशका कन्याविवाह सामाजिक नियमों में दो त्रियां हैं। कुइन्सलेण्डकी मेकाडामा जातिके लोगों में बिलकुल ही दोषावह हो उठा। अपनी जातिके लोगों स्त्रियोंको संख्या अत्यधिक है। किन्तु यहाँका प्रत्येक कन्याओंके अभाव होनेसे जिस प्रथाको प्रथम उत्पत्ति यक्ति दोसे पांच तक स्त्रियां रखता है। दक्षिण अमेरिका को भाकोटा जाति के लोगर्मि बहुविवाह और स्त्रीहरणकी हुई थी, समय पा कर यहीं सामाजिक विधिमें परिणत हो कर सगोत कन्या-विवाह धर्मविरुद्ध गिना जाने लगा। प्रथा मौजूद है। दक्षिण अमेरिकाके मेंजिलियनों में भी ये यही मिटर मैकलेनेनका एक सिद्धान्त है। उनका और भी दोनों गधार्य गक्ष पण दिखाई पड़ती हैं। फिर कारिघमेिं भी ये दोनों प्रथायें जीती जागती दिखाई देती हैं। दम. कहना है, कि कन्याफे अभावके कारण कई भर्तार करने- योल्ट (Humbolat)ने इसके सम्बन्धमे बहुतेरे उदाहरण की प्रथाकी भो उत्पत्ति हुई है। दिखाये हैं। . अतएव यह कहा जा नहीं सकता, कि कन्या अपहरण कर विवाह करनेको प्रथा इस समय |. | कन्यायों के अभावकं कारण ही स्त्री-अपहरण करक भी अनेक स्थानों में दिखाई देती है। जिन समाजोंसे यह / वियाह करनेकी प्रथा प्रयर्तित हुई यो। . ! ....