पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष नवम भाग.djvu/३१

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टालटून-चासो २७ येका किनारा । ४ टालने का भाव। ५ झूठा वादा । ६ का विकाश और धर्म-भावोंको प्रबलता देख कर व गाय, बैल, हाथि पादिके गले में बांधने का एक 'टा। उन पर मुग्ध हो गये। माठ वर्ष को उमरमें ही टामो. (पु.)७ कुटना. दलाल । का नाम प्रमिह हा गया। इसके कुछ दिन बाद ये टालटल (स्त्रिो .) टालमटल देखो। अपने निर्वामित पितासे मिलनेके लिए रोम नगम टालना (Eि क्रि.) १ हटाना, खिसकाना, मरकामा। पहुंचे। उनके पिताके दुःखका उस समय पारावार २ अनुपखित कर देना, भगा देना। ३ दूर करना, न था। १५५६ ई में उन्हें सम्बाद मिला कि उनको मिटाना। ४ नियत समयमे और पागेका ममय ठह. माताको मृत्य हो गई है। टामोके पिताने कहा कि गना, मुलतबी करना । ५ समय व्यतोत करना. गुजा. “सम्पत्ति पानको प्राशासे मामामे अपनी बहनको विष रना।६ उलघन करना, न मानना । ७ किमो कार्य के दे कर मार डाला है।" सचमुच हो टासोने कभी पपगा संबन्धमें इस प्रकारको बात' कहना जिसमें वह न माको सम्पत्ति भोग न पाई थो। करना पड़े। ८ किसो कार्य को पूरा करनको मिथ्या १५५७ ई में टामोके पिताम सरबिनाके राज-गहमें श्राशा देना, आज कलका झूठा वादा करना । ८ किमी ! काम करना स्वीकार कर लिया। टासो देखने में बहुत मनुष्यको निराश करके लौटाना। १० पलटना, फेरना। हो खूबमरत थे-वे उरबिनोको राजकुमारो मेरिया ११ बचा जाना, तरर दे जाना । खेलने पोर पढ़ने-लिखनेके साथो हो गये। उस समा टालमटान्न (हिं. स्त्री०) टालमटुल देखो । उरबिनो विद्या, शिल्प और मौन्दर्य चर्चाका एक केन्द्र बन टालमटाल ( हि क्रि -वि० ) प्राधि प्राध. निस्फा निस्फ। गया था। इसलिए टासो केशोर-जोवनमें विलासिता और टालमटल (हिं पु०) बहाना। काव्यसमालोचनाको परिवेष्टनी में परिवहित होने ली। टाला (हि. वि. ) बाई. पाधा। १५६० ई० में जब इनक' पिता भिनिसमें पाये, तब टालो (हि, स्त्री.) १ वह घटा जो गाय बैल आदिक वहां टासो सबक पादर और गौरवके पात्र हो गये। गले में बांधी जाती है । २ तोन वर्ष से कामको बछिया। उनके पिताके उदयमें कधि-भाव रहने के कारण ३ एक प्रकारका बाजा । ५ प्राधा रुपया, अठती। उन्हें बड़ा दुःख उठाना पड़ा था ; इसलिए वे बाल टालही (हि. पु. ) पंजाबमें मिलनेवाला एक प्रकारका टामोको उन माग विरत करने के लिए ययास व शोशम । इमकी लकड़ो इमारतों आदि के काममें आता है। लेष्टा करने लगे। उन्होंने अपने पुत्र टासको काम टासी ( टरकुआटा )-- यूरोपके नव आगरणक युगके पढ़ानेके लिए पट्या भेज दिया । परन्त वहां उस युवाने महाकवि । इटली बारगामो नगरके किसो मम्भ्रान्त व्यवहार शास्त्रका अध्ययन छोड़ कर काव्य और दान परिवार में इनका जन्म हुपा था। उनके पितान बहुत पढ़ना शुरू कर दिया। दिमी तक सालोंके राजाके सेक्रटरीका काम किया १५४२ई के शेष भागमें टासोने "रिनडो"नासका था। इनको माता नियोपलिटम भो सम्भ्रान्सव शीया एक काव्य लिखा। इस काव्यमें ऐसे सुन्दर भाव और के साथ घनिष्ट सम्बन्धमें पावह थौं। नपलसके छन्दका ममावेश किया गया था, कि लोगोंने उन उस शासनकर्तामोंके साथ साल के गजाका विवाद उपस्थित युगका एक प्रसिद्ध कवि मान लिया और उनको अभ्य. होने पर वे सम्पत्ति शुत किये गये । टासोके पिता भी थमा को। सालोंसे निर्वासित हुए थे। टासो उस समय छोटे १५५५ ई० में टासोमे फेवावार दुर्ग में प्रथम पहाण, किया । यह कर इन्होंने वैसा यश उपार्जन किया, १५५२ ई०से टासी अपनी मासाके साथ नेपलमेमें वैसा वा उसमे अधिक कार भी पाया । एक तो वे विधान रख कर जेसुईट नामक खष्टोय सम्प्रदायक निकट समाप्रिय सुन्दर युवक थे, दूसरे उनका ख्याति च। विद्याभ्यास करने लगे। बाल्यावस्था की टासीको बुद्धि- पोर फैल गई थी। इसलिए सदामोन्सत स्टसीको राज