पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष नवम भाग.djvu/४२३

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वापमानपत्र विकारः पण । ३ निष्क परिमार सुवर्ष। (वि.) सोसरी तरक्षा तापमान सराव प्रचलित है। ४ तापयोग्य, गरमहोने के काबिल । रिउमर नामक एक व्यक्तिने रसका पहले पहम्म प्रचार तापमान-यन्व-यबविशेष, एक यब जिसे अजीमें किया रसका द्रवणापौर पाटना ८० पौरपन थर्मोमोटर ( Thermoneter ) कहते है। जिस यन्त्रके दो पोके बोचका स्वाम८० सम भागों में विभक्त है। हारा अण्णताका निरूपण किया जाता है, उसका नाम पतएव देखा जाता है कि जिस सणताके कारण हिम- सापमान यन्त्र है। साधारणतः जिस तापमानका व्यवहार जल खोलने लगता है, उसोके १८०, १०० अथवा ८० होता है, वह कन्द संयुता केवल एक कांचको नली है, समभागोंके एक भागसे प्रत्येक स्वरूपको उषाताका परि- जिसके कन्द पौर मलका कुछ भाग पारदसे भरा रहता माण प्रकापित होना है। है। उष्णताको शासहति होने के कारण यन्त्रके भीतरका हिमजल जितना गरम होनेसे उबखने लगता है पारा संकुचित और विस्त त हुआ करता है। वमान उतना हो गरम होनेसे फारनहोट, शताधिक पोर रिउमर तषार या हिमजल में डालनेसे पारा जिस ग्रह तक नीचे इन तीनों तापमान-यन्त्रों में पारा यथाक्रम-३२, • पोर गिर जाता है, उसे द्रवणा कहते हैं और खोलते हुए से २१२, १०० और ८० चिज तक उठेगा। उष्णताक पानोमें अथवा उससे निकले भापमें डालनेसे जिम अह घंश लिखते समय मख्याकै दक्षिण भोर पंचके समिक तक पारा चढ़ जाता है उसे फुटना (Boiling point) ऊपर एक छोटा शून्य देते हैं और शतांधिक फारमहोट कहते हैं। या रिउमर जिस प्रणालोके पश ही उसके नामका प्रथम बन दो पक्षों के बीचको जगहको कोई १८०, कोई अक्षर लिखा जाता है। १.. और कोई ८० के बराबर भाग कर उष्णताके अंश- यथा-२७श, ६० फा. १२.शिरापर्थात् शतांशिकके चिन्होंको अहित करते हैं। २७, फारनहीटके ६० और रिउमरके १२ अश। शन्यके नोच का कोई पंश लिम्वना हो तो उसके पागे ऋगा चिक्र देते हैं। यथा-१५ । अर्थात् शताधिक ताप. मामके श न्यसे १५ प्रशनोचे । तापमानकै विषयमें विशेषरूपमे लिखने के पहले ताप- का एक प्रधान गुण वर्णन करना बहुत जरूरी है। तापके उस गुणका नाम प्रसारण (Expansian) है। साप के लगर्नसे समस्त वस्तुएँ प्रमारित होतो है। वसोंके परमाणु विलग होनेसे वस्तुका प्रमरण होता है। धन, तरल और बाप्पीय ये तीनों पदार्थ तापके इस गुण के पालैण्ड में प्रथमोल तापमान प्रचलित है। फारन वशमें हैं जिनमें वाप, सबसे अधिक तरल उमको होट नामक एक प्रोग्लनदाज विहान्ने इसका पाविष्कार अपेक्षा कम और धन सबको अपेक्षा पल्प वयवर्ती है। किया था, इसीलिये यह फारनहोटका तापमान कर- दूध तरल पदार्थ है। किमो एक कड़ाहोमें दूध र लाता है। फारनहोटका द्रवणार ३२. फुटनार २१२, कर उत्ताप देने से वह उफन उठता है। पौर इन दोनों पाक भोतरका स्थान १८० समान कड़ाही घन पदार्थ है सुतरा उत्ताप लगनेसे उमा पंचोंमें विभक्त है। द्रवणाशके १२५ नोरेशन्ध है। प्रसरण लचित नहीं होता । दूध तरल समे उसका प्रास देश में दूसरी सरहका तापमान प्रचलित है। प्रसरण खूब दिखाई देता है। किमी मथकम दश पाना सबा द्रवणापौर फुटनार १०० तथा इन दो भर हवा ले कर गरम करनेमे, मशक वासे परिपूर्ण पाक बोषकाखान १. समान पंचों विभ हो कर सब तरफसे फूल उठेगी, किन्तु यह प्रसस्वका