पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष नवम भाग.djvu/५०३

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तिक्ता-विमरिया १९१ पैंड जिसका रस तोता हो। ४ तिलामार. कडुपा रस। चर्म हारा यह यन्त्र तयार करते थे, सुतरी भाधुनिक बग तिला (स. स्त्रो०) तितस्तितारमोऽस्तास्थाः अच् सतष्टाप । पारप उस समयकी तितिरीके ममान कहा जा सकता है। १ कट रोहिणो कुटको। पर्याय-अट्वी, कट का यह कभी कभो नाकसे बनाया जाता है सोसे इसका तिता, क्षणभदा, कट भरा, पशोका, मत्साशकला, दूसरा नाम नामावशी भो है।सके एक नसमें एक उंग चक्राङ्गो, शकलादनी, मत्सापित्ता, काण्डका, रोहिणी लौ पन्तर देकर पोर दूसरमें ५ छिद्र होते है। नलके सब- और कट रोहिणो है। २ पाठा। ३ यवतिता लता। मे नीचे के दो छिद्र मोम हारा बन्द सत"ये अपरवाले ४ षड़ भुजा, खरब जा। ५ विकनो, नकछिकनो। नलके दोनों तरफ होते हैं। दूसरी नलीके पाँच छेदौमसे ६ लता कस्तूरो । दुमरा पोर चौथा खुला रहता है पोर तोन मोम हारा तिताख्या (सं० स्त्रो०) तिक्त ति पाख्या यस्या । कट तुम्यो । बन्द रहते है। प्रथम नलके मात सुर बजाये .जात, कडुआ कहतितलोको। दूसरा नम्न केवल सुर योगके लिये बजाया जाता है। यह तिताङ्गा (म० स्त्रो०) ति अङ्ग यस्याः। पाताल- हिनलयन्त्र प्रायः पृथ्वी के समस्त प्रधान देशों में पति प्राचीन गरुडोलता. विरे'टा। कालसे व्यवहारमें लाया जाता है। कोरम्बट र सोमेण्ट तिक्तामृता (स. स्त्री० ) लताद, एक प्रकारको बेल। (Coimbotour Sonnerat )के भौएजज ऐड रईस ( Menispermum glabrum ) पौरियन्टल्स ( Voyages and Indes Orientales ) तिता हया ( म० स्त्रो० ) तितति पायो यस्याः। कट: नामक ग्रन्यमें यह Tourte नाममे वर्णित है। हिस तुम्बो, तितलौको। साहबने लिखा है कि उन्होंने यह यन्त्र मङ्गोलियाके तिक्तिका ( . स्त्रो० ) तिल स्वाथै कन् टाप, प्रतात्व। मोमान्तमें देखा था। प्रोस्लो साहब (Sir William १ कट तुम्बो, तितलीको। २ काकमाची । ३ कट का. Ously ) वारस्य में ऐसा एक यन्त्र देखा था; वहां कुटको। यह "नेर पम्बाना" ( Nci Ambana ) नामसे तिक्तिरो-आर्य लोगोंका एक प्राचीन दुनला वाद्ययन्त्र । प्रसिद्ध है। मिथके प्राचीन "जुकारा" (Zouggarah) यह देखने में बहुत कुछ यूरोपोय बगपाइप (Bagpipe) एवपाधुनिक "पागूल" पोर जुम्मारा (Jummarah) यन्त्रको तरह था ; पाजकन सुबडोके नामसे प्रख्यात यन्त्र इसी तरहका होता है। दो विभिन प्रकार के नल है। पाहि तुण्डिक लोग इसका व्यवहार करते है। इसका और बिना तुम्बोका 'थाम' मामक एक यन्व, वार दूसरा नाम पूगी है। इस यन्त्र के निचभागमें छिद्रयुक्त विलमें 'सामफोनिया' नामके एक ऐसे हो यसका समय दो नन परस्पर बराबर मयुक्त रहते हैं और ऊपरके भाग है, वही यन्त्र माधुनिक स्टे लोके "जामपोना" ( Zam. में एक कडुवे कट तुम्बो संयोजित रहती है। यही pogna) और हिब के 'माग्रे पा'को तरह है। वायुकोष है, इसका ऊपरी भाग मलाकार और कुछ वक्र तिख (हिं. वि०) जो सोन बार जोता गया हो। रहता है । इसी में एक छिद्र रहता है । तितातुम्बी होनेके तिखरा (हि.वि. ) तिस देखो। कारण इसका नाम तितिरी हो गया है। तिखाई (हिं. स्त्री० ) तोहाता, तीखापन, तेजो। यूरोपीय संगीतातिहासके लेखक हिल साहबने तिखू'टा (हि. वि०) त्रिकोणयुला, जिसमें तीन कोने Travels in Siberia माइबेरिया भ्रमण नामक हो, तिकोना। अन्यमें सित्ति ( Titty ) नामसे इसका सोख किया है तिगना (हि.क्रि.) दृष्टि डालना, देखना। और य रोपके Bag.pipe के साथ तुलना को है। किन्तु तिगर-मिन्धु प्रदेश के अन्तर्गत शिकारपुर जिले के मेहर पाधुनिक सिक्तिरी पौर बग-पाइपमें यही अन्तर है कि उपविभागके अन्तर्गत एक तालुक। इसका भूपरिमाण बगपाइपका वायुकोष चर्म निर्मित होता है। प्राचीन १०१ वर्ग मोल है: कालम अषिगण कभी कभी ति का प्रभाव में मग तिगरिया-डोसा करद गन्नोंमसे एक छोटा राज्य ।