पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष नवम भाग.djvu/६२

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५८ टेम-टोडरमस टम (हि.सी.) चमड़ा मिझानक काममें भानेवाली , टोट (हि. पु. ) टोठा देगे। एक प्रकारको घास। टोटका (हि. पु० ) १ तान्त्रिक प्रयोग, यमन टोना, टोमा ( पु० ) गस, गहा। ! लटका । २ वर कालो हाँडी जो खेती फसम्मको नजरम टोरयों ( हि स्त्रो० ) तोतेकी एक जाति । इसकी चोच बचाने के लिये रखी जाती है। पोलो और कंठमे ले कर चोंच तक सारा भाग बैंगनी । टोटके हाई (हि.स्त्रो०) जादू करनेवालो। . होता है, सोती। टोटल ( पु० ) जमा, ठीक, जोड़। टोई (हि. स्त्री. ) एक गिरहसे दूसरे गिरह तकका टोटा (हि.पु.) १ बाँसका खड। २ मोमबत्तीका भाग, पोर। जलनेसे बचा हुपाट,कड़ा। ३ भारतूम । ४ एक टाँगा (हि.पु.) टाँगा देखो। प्रकारको पातशबाजी। ५ घाटा, हानि, नुकसान ।। टॉगू (•ि पु०) फैलनेवाली एक झाड़ी । दमको छालके प्रभाव, कमी। रेशीम रस्सी बनाई जाती है, जितो, जक । टोडरमल-१ मम्राट अकबरके स्वनामप्रसिद्ध राजस्व सचिव टोचना (हिं.क्रि.) चुभाना, गड़ाना । और अन्यतम सेमापति। इनका जन्म १५२३०को टोट (हि. स्त्री०) चीन, ठोर। पयोध्याके अन्तर्गत लाहरपुर नामक स्थानमें हुआ था। टोटा (हि. पु.) १ वह वस्तु जिसका प्राकार चिड़ि. मासिर-उल-उमराके मतानुसार इनका जन्मस्थान लाहोर- योको चोंच जैमा हो। २ चोंच आकारमें गड़े हुए में था। इनके पिता का नाम भगवतीदाम था। इनकी काठके ट कई। ये डेढ़ दो हाथ लंबे होते हैं और थोड़ो अवस्था हो इनके पिताका देहान्त इषा । माता दीवार परको छाजनको महाग देने के लिये लगाए जाते अत्यन्त कष्टमेनका पालन पोषण करने लगीं। पित &। ३ वह नली जो पानी आदि ढालने के लिये बरतनमें लगो रहती है। वियोगके कुछ समय बाद इन्होंने सम्राट के निकट एक टोटो ( हि स्त्री० ) १ भारोमें लगी हुई नलो, तुलसुली। उपयुक्त कार्य पानको प्रार्थना को। मबाट ने इनके २ पशुओंका थथन। गुणग्राममे मतुष्ट हो कर इन्हें एक मुहरिरके पद पर टोक ( हि पु०) १ उच्चारण किया हमा अक्षर। नियुक्त किया, परन्त कार्यकोशलसे ये शीघही उच्च (स्त्री.) २ प्रश्न प्रादि द्वारा किसी कार्य में बाधा, पूछ पर प्रतिष्ठित हुए। साछ । ३ खराब दृष्टिका प्रभाव, नजर। ८७२ हिजगेमें जब सम्राट ने खाँ जमानके विरुद्ध टोकना ( हि कि.) १ प्रश्न प्रादि करके किसी कार्य में युझ्यावा की तब टोडरमल मम्राट के अधीन से निक बाधा डालना, बीच में बोल उठना । २ बुरो दृष्टि डालना, विभागमें काम करते थे। सम्राट के राजत्वके पठारहवें नजर लगाना । ३ एक पहलवानको सरेसे नहाने के लिये वर्ष अर्थात् १५७४ ई० में गुजरात प्रधिक्कत होने पर दहना, ललकारना। वहाके भूपरिमाण निरिण और पाभ्यन्तरोण बन्दोवस्त टोकनो ( हिं . स्त्रो० ) १ टोकरो, उलिया । २ पानो करनेके लिये टोडरमल हो नियुक्त हुए । इसके दूसरे वर्ष में रखनका छोटा बरतन ३ बटनोई, देगचो। पटना विजयकालमें रहोंने घात क्षमता दिखलाई थी टोकरा (जि. पु.) खाँचा, उला, झाबा। और मबाट के पादेशानुसार ये मुनिमखाँके साथ बह- टोकगे (जि. स्त्रो०) १ छोटा डम्ला, झापी, झपोलो। देशको गये थे। म ममय बादशम देखिदखा बटलोई, देगी। विद्रोही हो उठे थे। उनको दमन करने के लिये ही टोकवा (Eि. पु. ) नटखट लड़का। मुनिमखो पोर टोडरमस वहां भजे गये। युपमें टोकमौ (हिं स्खो.) मारियलको पाधी खोपड़ी। टोडरमलने प्रमोम उत्साह पोर विक्रम दिखलाते टोका (जि. पु. ) उटंकी फसलको हानि पानवाना हुए विजय प्राप्त की। इस युबमै ममापति खाँ पालम एक कोड़ा। ____ मारे गये तथा मुनिमाया घोड़ा अत्यन्त भवमीत