पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष नवम भाग.djvu/७२२

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में यह कर बच गये थे। म तूफान सिमी समुद्रदूलसे तूफानो समुद्र में एक भीषण तरंग पानी बाल- 'प्रायः ४ मील तकको भूमि हाय जलके नीचौ चलो पित्तको प्रावित कर दिया था। इसमें प्राथा ..... 'गर थी। आणो मर गये थे। १७२ समोपुर निवाट १८१८१को २४वों पावरको मन्द्राज नगरमें मवना नदीका जल । पट जाहो गया था। उत्तरसे तूफान पारम्भ एषा था । क्रमशः तूफानका वेग के प्रवल तूफानसे कलकत के तरफ... पृद्धि होकर एक बार हा गया, हठात् दक्षिणी पोरने ग्राम पोर-प्रायः सास मनुष्य वागये थे। फिर पहले के समान प्रबन तूफान आया। यह पूर्णवायु १८३३ के प्रवल कानले सागरतीप १० फुट नोचे मन्द्राज नगरसे परिमाभिमुख पाई थी। वाय मान- जलने कूब गया था तथा यहाँक समस्त मनुष्य और यन्त्रमे पारा २६०८ रन तक चढ़ गया था। यरोपके तत्वावधारवागमनलष्ट हो गये थे। .. ११को ३०वा पक बरको मन्द्राज नगरमै १८५८ को चलाने में एक प्रक्ल तूफानी बहतसे उत्तर सूफान पाया था। अपराङ्ग चार बजेके समय मनुवकोटबाट कर दिया। 'वायु उत्तर-पधिम तथा उत्तरदियाने प्रवाहित होकर १८५४ को वो पावरको गनिमें समुद्रसे चाच हातक ठहरी, अनन्तर सायंकाल बजेके एक भीषण तूफानचालकत्तेके पर होकर नया स. समरिगण वेगसे चिपकी तरफसे तफामपानलगा, तृपानमें बहुतसेटोमरपोर ।।७० साल मनबोभा • ससमय वायुमानयन्त्रमें पारा २८८५ चढ़ा था। सादनवाले जहाजमिसे कुछ तो टूट टाट गये, कुछ तोरमें वायु 'नगरके अपर को कर पलतो थी। निषित हुए घोर जलन कम गये। प्रायः ३०० मील ':. १८४८ की २५वीं नवम्बरको जी तुफान पा सकके पासचादि गिलास परापापी ही गये । यह ' था, उससे मन्द्राणके माममन्दिरी वाय गतिपरिमापक सूफान पान्दमाननीय निकाट उत्पनी पार सत्तर-पचिम- यबादि नष्टभ्रष्ट हो गये थे। के सम्स्यासमार पौर शिवलोके निकट रुपम- १८५४ कोरली नवम्बरको मसुतोपत्तनमें जो भागमें प्रतिशत हुषा था। बाद वहाले पहचकट वर. • "भयानक तूफान पाया था, उसके प्रवीप समुंद्र स्कोत को पालवत्ता पाया पौर सुजनगर तथा बगुड़ाके पर हो गया। उपचूल मागर्म १२।१२ मील तक पोर होकर गाड़ी कार पर जापांचा सतूफान के प्रकोप "करी की तो १७ मौलत पाया ७० वर्नमोल खान बहुत पनिष्ट पा था। सागरने ...पुट संचातर' भावित हो गया था। इस भीष शवनमें प्राय. मितको कर भागोरयोके उमयलवर्ती प्राया मोल . ...मनुब यमपुरको सिधर थे। पयंक खानको जलसावित कर दिया। कलकत्ते और 'माठिलाहारा सुन्दरवनकी बड़ी हानि हुई थी। बड़े प्रायः १८१४८१ मकान बह गये । मिदनीपुर जिल "PRET हरिणघाटा और गावि मध्यवर्ती खान, पौर सुन्दरवनमें इससे भी पधिशहानि हुई यौ। यहां "पर्धात्वतमान समय बरिणाम पौर बासरगम जिला ताकि जिले के प्राय ॥ध पधिवासी तूफामने प्रकोप तूफाक्के हारा ताडित समुद्रको तराम शावित हो गया। सेवा गये थे। पभो बहुत रपये खर्च करके २५ ॥३० चन्द्रद्वीप देखो। उसके बाद ही मग पोर पोतुंगोज वर्ष के कठिन परिषमके बाद जलावन शायरी सुन्दर • शुष्टरोने नगरको तास नहस कर डाला। १२२ में बन पादि खानको रक्षा की गई। तूफानके समय यादव 'फिर 'जलसावित हो गया । उसमें प्रायः यसबारे में जिस तर बहुत अधिवासिषीको विकास १.... मनुष्यों ने प्राण त्याग किये तथा कितने यादि महो । उसका उसनरत ए बालफोर सावने Reी गये। लिखा, विमा यदि टेम्स चोर लहान काम पाकि- एक जो सामयिक पवने लियावि१०५ वासोचसोकर वसकत्ता होनों, तो पीके चारी समें एक मीषण कामास राहाकारको अनि ती कविका