पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष नवम भाग.djvu/७६७

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२४|११६ तोपा-गोमर तोबा (प. स्त्रो. पचाताप, भविष्य में दुम्वत्य न करने- ४ प्रथिवीपालमा (पृषी) ee e e को प्रतित्रा। ५ जयदेव ६४ २०७२ तोम (:. पु. ) समूह, ठेर। वीर वा होरापाल ८३४१९५ २४.४ तोमड़ो (हिमो०)बड़ी देखो। ७उदयराज .. ८४८४२ २६॥७११ मोम ( पु-लो. ) सम्पति हिनस्ति तुम्प बाहुलकात् ८ विजय वा वच .८७।१०२५ २१॥२११३ पर प्रत्ययेन साधुः। प्राचीन भारतीय युद्ध यन्नविशेष, ८ विक्ष वा पनेक २०१५ २०१५ भालेको नरहका एक प्रकारका पस्न जिसका व्यवहार १.रिचपाल ८९८४२२ प्राचीन काल में होता था। चलती बोली में से भला या ११ सुखपाल वा पनेकपाल ८४०१०।२७ २०४४ थापा कहते हैं। यह मापस दो प्रकारका होना, १२ गोपाल वा महोपाल NR १८१५ एक दण्डमय और दूसरा लोहमय । इसके तीन भेद, १३ सन्म क्षणपाल २५१०१० उत्तम, मध्यम और अधम पाँच हाथका उत्तम, साढ़े १४ जयपाल ( श्य) १..॥४२५ १५४।३ चार हाथका मध्यम और चार हाथका अधम माना गया १५ कुमारपाल .१०२११८२८ २९१८. है। इमो प्रकार छह उगलोका तोमर उत्तम, साढ़े १५ प्रमहपाल (२म) १०५१।१७ २८८ पांच उँगलोका मध्यम और पांच उगलौका प्रधम है। वा पनेकपाल (श्य) २ हस्तक्षेप्य दण्डविशेष, वह बरका जिमको मुंठ १७ तेजपाल १०८ बाँसको हो। ३ जनपदविशेष, एक देशका नाम । . विजयपालक इसी देशक अधिवासो। ५ पिङ्गल छन्दशास्त्रोत . १८ महोपाल ११०५२।११ २॥२३ १८ प्रमापाल (श्य) ८ पक्षरयुक्त छन्दोविशेष, एक प्रकारका छन्द जिसमें वा पकरपाल १५३०१४, २१२।१५ केवलटमात्रायें रहती हैं। ) पर्थात् (१९५१७१८) तोमर-राजस्थानका एक प्राचीन राजपूत क्षत्रिय राजा प्रवाट है, कि तोमरवंशीय अनङ्गपाल नामक एक वंश । इस श्रेणोके राजपूत प्रब प्रायः नहीं के बराबर गजाने प्राचीन दिनी वा इन्द्रप्रस्थ नगरका पुनवचार हैं। भागर में प्रायः तीन हजार पौर बांदा, झांसी तथा किया था। संवत्प्रतिष्ठाता विक्रमादित्यके बाद ९८२ फरमाबादमें बहुत थोड़े घर हैं। राजपूताने में ये सोग वर्ष तक दिलो मगर बिलकुल उजाड़ था। पतम, तयार नामसे प्रसिद्ध हैं। यह नाम किस प्रकार पड़ा, ७३६ में तोमरवयीय अनजाने र पुनः बसाया। दमका कोई ऐतिहासिक सूत्र नहीं मिलता। भवुन- . : देखो। फजलको पारन-र पकवरोमें तयार का उल्लेख है। म पनङ्गपालक परवती कई एक राजापोंकी कनिङ हम साहबने बीकानेर, गड़वाल, कुमायून पौर राजधानी दिनोम ही थी। पोछे न मास म, बों ग्वालियरसे रम भिषयमें जो मब हस्तलिखित इतिहास राजधानी उठा कर कबीज ले गये। महमूहके ऐति- पादि संग्रह किये है, उन सबको मिला कर यदि देखा हासिक भोटबो काबीज में तोमरधगीय राजा जयपाल- जाय, तो अब नफजलका लेख ठोक प्रतीत होता है। का उलख कर गये। पनङ्गपालसे १४ पौड़ी नीचे अबुलफजसके मतानुमार दिलोमें तुयारव यौय निन· थे। ८१५१०में जब सुविख्यात मुसलमान भोगोलिक लिखित राजगर राज्य करं गये है। . मसुदी इस देश में पाये थे, तब उन्होंने भोकबीजमें तोमर नाम राज्यारोहण. सृष्टान्द, राज्य मा. दि. वंशीय राजाको राज्य करते देखा था। १पमङ्गपास ..७२६।। १८०० फेरिस्ताका कहना है कि कबोजराज जयपाल मह- २ वासुदेव ७५४९० १८।१।१८ मूद गजनौसे १.१७ में पगस्त को कर उनके पधीन • गाय . ७७४१८ - २२२८ गये थे। उनके पार्यवर्ती राजगब मुसलमानों के