पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष पंचदश भाग.djvu/३०६

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३०० बाजूबंद-बाड़ा जो वाह पर गोदा जाता है । इसका आकार बाजूबंद-सा २३७ प्राम लगते हैं, शहर एक भी नहीं है । यहांको होता है। ३ वह जो हर काममें बराबर साथ रहे और प्रधान उपज धान है। सहायता दे। ४ बाजूवंद नामका गहना जो बांह पर बाड़-युक्तप्रदेशके गाजीपुर जिलान्तर्गत एक शहर । पहना जाता है। ५ पक्षीका डैना । ६ सेनाका किसी यह अक्षा० २५ ३२ उ० तथा देशा० ८३°५२ पू० ओरका एक पक्ष। गाजीपुर शहरसे १८ मील दक्षिण-पूर्वमें अवस्थित है। बाजूबंद (फा० पु० ) एक प्रकारका गहना जो बांह पर जनसंख्या पांच हजारसे ऊपर है । इसके पास ही १५३६ पहना जाता है। यह कई तरहका होता है । इसमें ईमें हिमायू और शेरशाहमें युद्ध हुआ था जिसमें बहुधा बीचमें एक बड़ा चौकोर नग वा पटरी होती है। हिमायूकी हार हुई थी। शहरमें बहुतसे प्राचीन इसके आगे पीछे छोटे छोटे और नग या पटरियां होती मन्दिर और दो स्कूल हैं। हैं जो सबकी सब तागे या रेशममें पिरोई रहती हैं। बाकिन (अॅ० पु. १ एक प्रकारका सूआ जो छापेखानेमें बामना (हिं० क्रि०) वमना देखो। काम आता है। इसमें पीछेकी ओर लकड़ीका दस्ता बाट ( हिं० पु० ) १ मार्ग, रास्ता । २ पत्थर आदिका लगा रहता है। इससे कम्पोजीटर लोग कंपोज किये वह टुकड़ा जो चीजें तौलनेके काममें आता है, षटखरा। हुए मैंटरमेंसे गलतीसे लगा हुआ अक्षर निकालते और ३ पत्थरका वह टुकड़ा जिससे सिल पर कोई चीज उसकी जगह दूसरा अक्षर बैठाते हैं । २ यसरीखाने में पीसी जाय। (स्त्री०) ४ बाटनेका भाव, बटन, बल । काम आनेवाला एक प्रकारका सूआ । इसका पिछला बाटना (हिं० कि०) सिल पर बट्टे आदिसे पीसना, चूर्ण सिरा बहुत मोटा होता है। यह किताबों आदिमें ठोंक कर करना। छेद करनेके काममें आता है। बाटली (हि स्त्री० ) जहाजके. पालमें उपरकी ओर लगा बाइव ( स० क्ली० ) बड़वानां समूहः बड़वा ( खरिडका- हुआ वह रस्सा जो मस्तूलके ऊपरसे हो कर फिर नीचे निभ्यच । पा ४।२।४५) इत्यञ् । १ बड़वा-समूह, की ओर आता है। इसीको खींच कर पाल ताना घोड़ियोंका झुण्ड । २ ब्राह्मण । ३ बड़वानल, बड़वाग्नि । जाता है। (त्रि०) बड़वया इदं बड़वा-अण। ४ बड़वासम्बन्धी। वाटिका (सं० स्त्री० ) बाग, तुलसी । २ गद्यकाव्यका एक बाड़वाग्नि (सं० पु० ) बड़वा समुद्रस्था घोटको तत्- सम्बन्ध्यग्निः । बड़वानल। बाटी (हिं॰ स्त्री० ) १ गोली, पिंड । २ अंगारों या उपलों बाड़लाग्न्य (सं० पु०) बाड़वेषु ब्राह्मणेषु आन्यः श्रेष्ठः। आदि पर सेंकी हुई एक प्रकारकी गोली या पेड़े के ब्राह्मणश्रेष्ठ । आकारकी रोटी, लिट्टी। बाड़धेय ( स० पु० ) बड़वाया घोटकरूपधारिण्याः सूर्य- बाड़-१ पटना जिलेके अन्तग त एक उपविभाग । भूपरि- परल्या अपत्ये पुमांसौ बड़वा-ढक । अश्विनीकुमार- माण ५२६ वर्ग मील है। फतवा, बाड़ और मुकामा | द्वय । यह शब्द द्विवचनान्त है। थाना इसके अन्तर्भुक्त हैं। | बाड़थ्य (संक्ली०) बाड़वामां ब्राह्मणानां समूहा बाड़ २ उक्त जिनका एक नगर। यह अक्षा० २५२६१०" (ब्राह्मणमानववा इवायत् । प. ४।२।१२) इति यत् । उ० तथा देशा० ८५.४५ १२ पू० गङ्गाके किनारे अव ब्राह्मणसमूह। स्थित है। यहां इष्ट-इण्डिया रेलपथका एक स्टेशन है । बाइस (स० पु०) मत्स्य, मछली। वाड़---युक्तप्रदेशके इलाहाबाद जिलेको तहसील। यह बाड़ा (हिं. पु०) १ चारों भोरसे घिरा हुआ कुछ विस्तृत अक्षा० २५.२ से २५ २२ उ० तथा देशा० ८५.३१ से खाली स्थान। २ वह स्थान जिसमें पशु रहते हैं, पशु ८१.४६ पू०के मध्य अवस्थित है। भूपरिमाण २५३ / शाला। वर्गमील और जनसंख्या ५५ हजारसे ऊपर है। इसमें बाड़ा--मध्यप्रदेशके नरसिंहपुर जिलान्तर्गत एक नगर ।