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बिलाईकन्द-शिखोर
लकड़ीकी एक सिटकनी जो किवाड़ोंमें उनको बंद करने- विलोन (हिं० वि०) विना लावण्यका, कुरूप।
के लिये लगाई जाती है। ३ कुएं में गिरा हुआ बरतन या बिलोना (हि क्रि०) १ मथना, खूब हिलाना । २ ढालना,
रस्सी आदि निकालनेका कांटा । यह लोहेका बना होता गिराना।
है। इसके अगले भागमें बहुत-सी अंकुसियां लगी रहती। बिलोलना (हि.क्रि)ोलना, हिलना
हैं। उन्हीं अंकुसियोंमें चीज फंस कर निकल आती है। बिलौकस ( स० वि०) बिल ओकः स्थानं यस्य । बिल.
बिलाईकन्द ( हि पु० ) बिदारीकन्द देखो।
वासी, विलमें रहनेवाला।।
बिलाना (हिं कि० ) १ नष्ट होना, विलीन होना। २ बिलौर ( हि पु० ) बिलौर देखी ।
छिप जाना, अदृश्य हो जाना ।
बिल्कुल (हि कि० वि० ) चिनकुल दंग्या ।
विलार (हिं० पु०) मार्जार, बिल्ला ।
बिलम ( स० क्लो० ) बिल-बाहु० मन् । १ भासन, चमक ।
बिलारी ( हि स्त्री० ) मंजारी, बिल्ली।
२ शिरस्त्राण, टोपी, पगड़ी।
विलारोकंद (हिं० पु० ) एक प्रकारका कन्द। बिल्मिन् ( स० त्रि०) विल-मिन् । १ बिलयुक्त। (पु०) २
विलाव ( हि पु० ) बिलार देखो।
बिलावर (हि.पु.) बिल्लौर देखो।
बिल्मुक्ता ( अ० वि० ) , जो घट बढ़ न सके ! ( पु० )२
बिलावल (सं०१०) केदारा और कल्याणके योगसे । वह लगान जो घटाया बढाया न जा सके। ३ वह पट्टा
उत्पन्न एक राग । यह दीपक रामका पुत्र माना जाता जिसकी शतके अनुसार लगाम घटाया बढ़ाया न जा
है। इसके गानेका समय प्रातःकाल है।
सके।
बिलासना (हिंकि) भोग करना, भोगना। बिल्ल ( स० को०) बिल लाति-लाक। आलवाल,
बिलिंबी (हिं. स्त्री०) एक प्रकारको कमरखका फल या
थाला। २ हिंगु।
उसका पेड़।
बिलमूला ( स० स्त्री० ) बिल्लमिय मूलं यस्याः । बाराही
बिलियर्ड (अं० पु० ) एक अंगरेजी खेल। यह गोल
अरों और लंबी लंबी छड़ियों द्वारा बड़ी मेज पर खेला बिल्लस ( मस्त्री०)प्रसूतदशवता, वह स्त्री जिसने दश
जाता है।
पुत्र प्रसव किये हों।
बिलिया ( हि स्त्री०) १ कटोरी । २ गाय बैलके गलेकी
एक बीमारो।
विल्ला ( हिं० पु०) १ मार्जार । विड़ान देखा । २ चपरासकी
तरहको पीतलकी पतली पट्टी। इसे पहचानक लिये विशेष
बिलूर' (हिं० पु० ) बिल्लोर दखो ।
विशेष प्रकारके काम करनेवाले बाँह पर या गले में पहने
बिलेशय----एक योगाचार्य । हठ प्रदीपिकामें इनका उल्लेख
देखने में आता है।
रहते हैं।
विलेशय (सं० पु. स्त्री०) बिले शेते शी-अच, अलुक बिल्ली ( हि स्त्री०) १ विड़ान देखा। २ उत्तरीय भारत
समासः।१ सर्प, सांप । २ मूषिक, मूसा। ३ गोधा, और बरमाकी नदियोंमें मिलनेवाली एक प्रकारको
मेवला । ४ शश, खरहा । शल्लकी, साही नामक जतु। मछली। पकड़े जाने पर यह मछली काटती है जिससे
बिलेश्वर ( स० पु. ) तीर्थभेद । यहां बिलेश्वर शिवलिङ्ग विष सा चढ़ जाता है।
विद्यमान है।
बिल्लीलोटन (
हिंस्त्री०) एक प्रकारकी बूटी। इसके
बिलैया (हि. स्त्री०) १ बिल्ली । २ कह , मूली आदिके विषयमें प्रसिद्ध है, कि उसकी गंधसे बिल्ली मस्त होकर
महीन महीन डोरेसे लच्छ काटनेका एक औजार। यह लोटने लगती है। यह दवाके काममें आती है। यूनानी
वास्तवमें लोहेकी एक चीकी-सी होती है। इस पर हकीमने इसका 'बादर जबोया' नाम रखा है।
उभरे हुए छेद बने होते हैं। उन उभारोंसे रगड़ खा कर बिल्लूर (हि.पु.) बिलौर देखो।
कटे हुए कतरे छेदोंके नीचे गिरते जाते हैं। बिल्लौर (हिं० पु०) १ एक प्रकारका स्वच्छ पत्थर । यह
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पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष पंचदश भाग.djvu/४०३
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