पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष पंचदश भाग.djvu/४९४

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४८८ बेजान-बेड़ी पर आक्रमण कर दिया । इस समय नेपियरने भी इलबल- बेठिकाने ( फा०वि०) १ स्थान-च्युत, जो अपने उचित के साथ उसे चारों ओरसे घेर लिया। अपने बचावका स्थान पर न हो। २व्यर्थ, निरर्थक । ३ जिसका कोई कोई उपाय न देख बेजा खाने १८४५ ई०को स्वी मार्चको सिर पैर न हो, ऊलजलूल । अगरेजोंके हाथ आत्मसमपण किया। बेघ (अॅ० पु०) १ नीचेका भाग, तल ।२ छापेखानेमें लोहे- बेजान ( फा० वि० ) १ मृतक, मुरदा । २ जिसमें जीवन का वह तख्ता जिस पर कंपोज और शुद्ध किए हुए टाइप, शक्ति बहुत ही थोड़ी हो, जिसमें कुछ भी दम न हो।३ छापनेसे पहले रख कर कसे जाते हैं । ३ बिस्तर, निर्यल, कमजोर । 8 कुम्हलाया हुआ. मुरझाया हुआ। बिछौना। बेजापुर ..बम्बई प्रदेशके महीकांठा गज्यके अन्तर्गत एकड़ (हिं० पु०११ वृक्षके चारों ओर लगाई हुई बाड़, प्राचीन नगर। इसका मस्कृत नाम विजयपुर है। में : । २ नगद रुपया, सिक्का । विशेष विवरण बीजापुरमें देग्यो। बडना (हि० कि० ) नए वृक्षों आदिके चारों ओर उनकी बेज़ाब्ता ( फा० वि०) जो जाब्ते के अनुसार न हो, कानून रक्षाके लिये छोटी दीवार आदि खड़ी करना, थाला या नियम आदिके विरुद्ध । बांधना । बेज़ार ( फा० वि० ) जो किसी वानसे बहुत तंग आ गया बड़ा ( हिं० पु०) १ बड़े बड़े लटों, लकड़ियों या तख्तों हो, जिसका चित्त किसी बातसे बहुत दुःती हो। आदिको एकमें बांध कर बनाया हुआ ढाँचा। इस बेजू ( अपु० ) गरम देशों में मिलनेवाला एक प्रकारका ढांचे पर बाँसका टट्टर विछा कर बैठते और नदी भादि जंगली जानवर । यह डेढ दो हाथ लंबा होता है। इसके . पार करते हैं। यह घड़ोंसे बनी हुई घन्नईसे बड़ा होता शरीरका रंग भूरा और पैर छोटे होते हैं। इसकी दुम : है। २ नाव । ३ बहुत-सी नावों या जहाजों आदिका बहुत छोटी होती है और पंजे लंबे तथा द्रढ होते हैं। उन समूह। वि०) ४ जो आंखोंके समानान्तर दाहिनो ओर- पंजोंसे यह अपने रहने के लिये बिल खोदता है। इसका में बाई ओर अथवा वाई से दाहिनी ओर गया हो। मांस खाया जाता है और इसकी दुमके बालोंसे चित्रों ५ कठिन, मुश्किल। आदिमें रंग भरने या दाढ़ीमें साबुन लगानेके बुरुश बनाए । बडिचा । हि• पु० ) वाँसको कमाचियोंकी बनी हुई एक जाते हैं। प्रायः शिकारी लोग इसे बिलोंसे जबरदस्ती प्रकारकी टोकरी । इसका आकार थालके आकार-मा निकाल कर कुत्तोंसे इसका शिकार कराते हैं। होता है और इससे किसान लोग ग्येत सोंचनेके लिये बेजोड (फा०वि०) जिममें जोड़ न हो, जो एक ही टकडे तालाबसे पानी निकालते हैं। का बना हो । २ जिसकी समता न हो सके, अद्वितीय। वडिन । हि० प्रा० ) १ नट जातोकी स्त्री जो नानतो. वझरा ( हिं० पु. ) गेह, जौ, मटर, चने आदि अनाजों मेंने गाती हो । २ नीच जातिकी कोई स्त्री जो नाचती गातो कोई दो या तीन मिले हुण. अन्न । और कसब कमातो हो। येजिलैवीर- पञ्चपलीके एक मामन्तगज। ये उदयाके बेड़ी ( हिं० स्त्री० ) , लोहेकी कड़ीकी जोड़ी या जंजोर । श्रीराजेन्द्र चोल देवके ममसामयिक थे। यह कैदियों या पशुओं आदिको इसलिये पहनाते हैं जिस बेटा ( हिं• पु० ) पुल, लड़का। में वे स्वतन्त्रतापूर्वक घूम फिर न सके । २ सांप काटने- बेटौना (हिं. पु. ) बेटा देग्यो । का एक इलाज। इसमें काटे हुए स्थानको गरम लोहे- बेट्टा (हिं०) मैमूर देशमें मिलनेवाला एक प्रकारका भैसा। मे दाग देते हैं। : बांसको टोकरी जिसके दोनों ओर बेट ( हिं० पु. ) एक प्रकारकी ऊसर जमीन जिसे बीहड रस्सी बधी रहती है और जिसको सहायतासे नीचेसे भी कहते हैं। पानी उठा कर खेतोंमें डाला जाता है। (स्त्री.)४ बेठन ( हिं० पु० ) यह कपड़ा जो किसी चीजके लपेटने-: नदी पार करनेका टट्टर आदिका बना हुआ छोटा बेड़ा। के काममें आये, बंधना। . ५छोटी नाव।