पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष पंचदश भाग.djvu/९५

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फिनिकीय-फिरकी कोई प्रमाण नहीं मिलता । (२) जो कुछ हो, प्राचीन दूसरी बार टायर नगर विध्वस्त होने पर भी उनके सिरीया राज्यके दक्षिण और पश्चिम तथा लिवण्ट वाणिज्यमें जरा भी धक्का न पहुंचा था। ३४६ खष्ट उपसागरके पूर्वी किनारे आ कर ये लोग पश्चिम यूरोप- पूर्वाब्दमें कार्थजके अधःपतन पर भी उनका बाणिज्य के साथ व्यवसाय बाणिज्यमें लिप्त हुए थे। इस समय ज्योंका त्यों बना रहा। किन्तु अक्टीयाम-जलयुद्धके फिनिस राज्यकी लम्बाई २०० मील और चौड़ाई २० बाद उनकी बाणिज्य आशा पर पानी फेर गया। अन- मील थी। सिदोन और टायर नगरमें उनकी राजधानी न्तर अरबोंने फिनिकियोंका बाणिज्यक्षेत्र अपना लिया। थी। बाइबल पढनेसे मालूम होता है, कि जलआके दसरे वर्ष पूर्तगीज-बणिकोंने जगतका वाणिज्यभण्डार राज्यकालमें यह सिदोन मगर महासमृद्धिशाली था ।(३): अपने हाथ कर लिया। सिरिया आ कर उन्होंने पश्चिममें ब्रिटेन तक अपना ' फिनिया ( हिं० स्त्री० ) कानमें पहननेका एक गहना। वाणिज्य फैला लिया था। बाणिज्योन्नतिके लिये फिनीज ( हि० स्त्री० ) दो मस्तूलवाली एक छोटी नाव। उन्होंने अरब, बाबिलोनिया, आफ्रिकाके उत्तरी उपकूल, : यह दो डांड़े से चलाई जाती है। स्पेन, सिसली, मल्टा आदि स्थानोंमें सैकड़ों उपनिवेश फिरंग-फिरङ्ग देखो। बसाये थे। इन सब देशोंमें वे पूर्व दिशासे माल लाते फिरंगबात ( हिं० पु० ) वातज फिरङ्ग। फिरङ्ग देखो। थे। अफ्रिका और सिसलीका उपनिवेश धीरे धीरे फिरंगी ( हिं० वि० ) फिरङ्गो देखो। स्वतन्त्र राज्यमें परिणत हो गया। उन्होंने बहुत समय फिरंट ( हि० वि० ) १ विरुद्ध, खिलाफ । २ विरोध या तक विशेष दक्षताके साथ रोमकोका मुकाबला किया था। लड़ाई पर उद्यत, बिगड़ा हुआ। ____ जगत्के वर्तमान इतिहासमें यही प्राचीन वणिक् फिर. ( हिं० क्रि० वि० ) १ पुनः, दोबारा। २ अनन्तर, जाति सबसे पहले बाणिज्य द्वारा उन्नतिको चरमसीमा उपरान्त। ३ भविष्यमें किसी समय, और वक्त। ४ तक पहुंच गई थी। भिन्न भिन्न देशों और जातियोंके देशसम्बन्धमें आगे बढ़ कर, और चल कर । ५ उस साथ इनका बाणिज्य होनेके कारण उन्होंने इनसे वर्ण- हालतमें, उस अवस्थामें। ६ इसके अतिरिक्त, इसके माला ग्रहण की थी। सिन्धुनदके उत्तर ग्रीक अक्षर सिवाय । प्रचलित होनेके पहले ५वीं खुष्टपूर्वाब्दमें भारतवासी फिरक ( हिं० स्त्री० ) एक प्रकारकी छोटी गाड़ी। इस फिनिक-वर्णमालासे अवगत थे। भारतमें वणिं पर गांवके लोग चीजोंको लाद. कर इधर उधर ले नामसे प्रसिद्ध, प्राच्यभारतसे इन लोगोंने पाश्चात्य : जाते हैं। जगत्में सभ्यतालोक विस्तार किया था। (४) सलो- फिरकना ( हिं० क्रि०) १ थिरकना, नाचना। २ किसी मनके राज्यकालम ये लोग जहाज पर चढ़ कर अरबदेश- गोल वस्तुका एक ही स्थान पर घूमना । के दक्षिण अफिर नगरमें आये थे। यहांसे बेरोकटोक फिरका ( अ० पु० ):१ जाति। २ जत्था। ३ सम्प्रदाय, भारतीय पण्य-द्रव्य ले कर वे बहुत दूर पश्चिम चले जाते पन्थ । थे।(५) ५८६ और ३३१ हृष्टपूर्वाब्दमें अलेकसन्दरके द्वारा फिरकी (हिं० स्त्री०) १ लड़कोंके नचानेका एक खिलौना । (२) कोई कोई अनुमान करते हैं, कि हजारस २५०० २मालखम्भकी एक कसरत। इसमें जिधरके हाथसे ख. पूर्वान्दके मध्य वे लोग पूर्व-वासका परित्याग कर लिया मालखंभ लपेटते हैं, उसी आर गर्दन झुका कर फुरतीसे पटके किनारे बस गये थे, क्योंकि पारस्यके किनारेसे ले कर दूसरे हाथके कंधे पर मालखंभको लेते हुए उड़ान करते लोहितसागर तक उनका वाणिज्य फला हुमो था । हैं। ३ लकड़ी, धातु या कह के छिलके आदिका गोल (३)Jor p xiv 28 टुकड़ा जो तागा बटनेके तकषेके नीचे लगा रहता है। (४) The Social listory of Kamurup by: N. Vasu, Vol. I ४ चकई नामका खिलौना। ५ कुश्तीका एक पेंच । जब (५) Cherom VII. 17-18, King 127-28. जोड़के दोनों हाथ गर्दन पर हों अथवा एक हाथ गर्दन Vol. XV: 28