पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष भाग 1.djvu/२२७

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पौधा। ३ ढेर, अटल 1 अटल- अटूट २२१ खिलाई जाती है। ताजी पत्ती सुखाकर तम्बाकूको भवानी अटवौदेवीके नामसे अभिहित हुई। यह तरह पीनेसे दमाको बड़ा लाभ पहुंचता है। वन पुराणमें भवाटवीके नामसे उल्लिखित हुआ है। जुकाम हो जानेपर इसको ताज़ी पत्तीका काढ़ा यूनानी इन भवाटवीको बाटोई(Butoi) कहते हैं। पिलाया जाता है। यह दो तरहकी होती, एकमें विलफोड साहबने निश्चय किया है, कि यह अटवीवन लाल और दूसरीमें सफेद फल लगते हैं। यह अफ्रोकाके नौलनद किनारे अवस्थित था। इस जगह महिसुरमें भी प्रायः मिलती और मलेरिया-ज्वरको पहले यूनानियोंको अरण्यदेवो डायनाका भी मन्दिर अकसोर दवा समझी जाती है। ज्वरमें प्यास बना था। बढ़नेसे इसका काढ़ा पिलाते हैं। इसका रस अती- अटवीलता (स. स्त्री०) कुम्भाटवृक्ष, कुम्हड़ेका सार रोगको दूर करता है। इसे कोई पशु नहीं चरता; हां, कभी कभी बकरा खा लिया करता है। अटहर (हिं० पु०) राशि, ढेर, जखीरा। काष्ठ श्वेत और मध्यम रूपसे कठिन होता है। बड़ी- अटा (सं० स्त्री) अट-अङ। भ्रमण, पर्यटन। बड़ी डालियां जलाकर बारूदका कोयला बनाते घूम-फिर, टहल-पहल । २ अटारी, छत। हैं। नागे इसकी डालियोंसे शकुन विचारते और राशि । (वि.) ४ लगा, चिपका। भविष्यत् बताते हैं। इसकी पत्ती खेतमें खादको | अटाउ, अटाव (हिं० पु.) १ लगाव, आयोजन। भांति डाली जाती है। गुड़ बनाने और ईट पकाने में २ विद्वेष, हसद। यह खूब जलाई जाती है। अटाटुट, अटाटूट (हिं० वि० ) १ न टूटनेवाला, (हिं० वि०) १ न टलनेवाला, अवश्यम्भावी। अभङ्ग । २ पोढा, मजबूत। ३ बृहत्, भारी। २ स्थिर, ठहरा हुआ। अटाट्यमान (सं० वि०) बहुत घूमनेवाला। (अं• Atlas) मानचित्रसमूह, नकशीका | अटाट्या, अटाटा (सं० स्त्री०) अट-यङ-भावे अ, जखौरा। इस पुस्तवामें देश-देशके नक्शे होते हैं। स्त्रीत्वात् टाए। परिभ्रमण, पुनःपुनः भ्रमण, मिथ्या अटवि, अटवी (सं० स्त्री०) अटन्ति व्रजन्ति वाईक्ये भ्रमण, अतिशय भ्रमण ; मार-मार फिरना, गश्त यत्र, अट-अवि-डीप पक्षे । वन, जङ्गल, बियाबां । लगाना, झूठ-मूठ घूमना, आवारागर्दी। अटविक (स० पु०) लकड़हारा। अटारी (हिं० स्त्री०) १ छत। २ छतके ऊपरका अटविशिखर (सं० पु.) एक प्रदेश या उसके लोग। (विष्णुपु०) अटाल (हिं० पु०) धराहरा, बुर्ज ; बहुत ऊंचा अटवी-पटवि देखो। मकान जिसपर चढ़नेसे दूर-दूरको चौजे देख अटवी-शङ्खदीपस्थ वनविशेष। इसके पार्श्वसे कालि पड़ती हैं। नदी प्रवाहित हुई है। (ब्रह्माण्डपुराण । ) अटाला (हिं. पु.) १ जखोरा, ढेर, राशि। अटवौदेवी-भवानीका नामान्तर. पार्वतीका दूसरा २ कसाइयोंका वासस्थान । नाम। कहते हैं, कि भवने मनुष्योंको ब्रह्मचर्य | अटि (सं० पु०) शरारिपक्षी, चाहा। सिखाने के लिये अरण्यको एक वार गमन किया। अटी (हिं० सी०) जलके समीप रहनेवाला पक्षि- भवानी उन्हें वनको जाते देख अरण्यदेवीका रूप विशेष, चाहा। धारण कर वृक्ष-वृक्षमें खेलती हुई, घूमने लगी। अटूट अटुट (हिं० वि० ) १ न टूटनेवाला, जो टूट उनको रूप-ज्योतिःसे एक सुन्दर देवताको सृष्टि अखण्डनीय। २ अजेय, लाशिकरत। हुई। इसके बाद भवानी और सुन्दर देवता ३ दृढ़, मजबूत। ४ बराबर, सिलसिलेवार। दोनो आकर अटवीवनमें खेलने लगे। इसी वनमें ५ अधिक, ज्यादा। अटलस कोठा। न सके;