पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष भाग 1.djvu/३२१

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अदना-अदम्य वैएब। ३ नीच, खानेके लायक चीज़। ३ स्वर्गीय वनविशेष। इस जो मायामें न फंसे। २ पवित्र, पाक। ३ निर्दोष, वनमें यहूदियों, ईसाइयों और मुसलमानोंके मतसे परमेश्वरने आदमको बनाया था। सम्भवतः यही अदब्धधीति (वै० त्रि०) जिसके ग्रन्थ निर्दोष हों, अरबका अदन (Aden) स्थान होगा। अच्छी किताबें बनानेवाला। अदना (अ० वि०) १ छोटा, क्षुद्र। २ तुच्छ, अदब्धव्रत (वै० पु०) जिसका व्रत या पूजापाठ नाचीज। कमीना। ४ साधारण, अभङ्ग हो; धर्मके कार्य लगातार करनेवाला व्यक्ति। मामूली। अदब्धव्रतप्रमति (वै. पु.) अभङ्ग व्रत और उच्च अदनीय (स' त्रि.) भक्षणयोग्य, खाने लायक । विचारका मनुष्य, जो आदमी ऊंचे मस्तिष्कका हो अदन्त, अदन्तक (स० पु.) न सन्ति दन्ता अस्य । और अपना धर्मकर्म कभी न छोड़े। १ पूषारूप आदित्यविशेष। पूषाका अदन्तक नाम अदब्धायु (वै० पु.) अदब्धेन अहिंसनेन आयाति; इसलिये पड़ा, कि जब दक्षराजने सतौके सामने आ-या-कु, ३-तत् । अहिंसायुक्त पुरुष, जो आदमी महादेवको निन्दा की थी, तब यह दांत निकाल किसोको जानसे न मारे। मनके आह्वादसे हंसते थे। यजनाशके समय शिव- अदब्धासु (वै० त्रि०) पवित्र जीवनवाला, जिसका दूत वीरभद्र'ने इनके :दांत तोड़ डाले। भागवतमें जीवन पवित्र हो। लिखा है, अदभ (व • त्रि०) न दभ्यते, दम्भ-अच्, बाहुलकात् क वाचा । “पूष्णोह्यपातयद्दन्तान् कलिङ्गस्य यथा बलः । १ हिंसाके अयोग्य, जो जानसे मारनेके लायक शप्यमाने गरिमणि योऽहसद्दर्शयन्दतः ॥" ५।१। न हो। २ निश्छल, लाफरेब। ३ पवित्र, पाक। 'अनिरुद्धके विवाहकालमें बलरामने जैसे कलिङ्ग- अदभ्र (स वि०) न-दन्भ-रक् । प्रचुर, बहु ; राज दन्तवक्रके दांत तोड़े थे, वैसे ही शिवनिन्दा ज्यादा, बहुत । सुननेसे दांत निकाल हंसनेके कारण शिवदूतने पूषाके | अदम-पैरवी (अ० स्त्री० ) मुकद्दमेको काररवाईका भौ दांत तोड़ डाले। न होना, अभियोगके प्रतिपादनका अभाव। श्रीधरस्वामौने पूषा शब्दको इसतरह टीका की है,- अदमसबूत (अ० पु०) मुकद्दमेके सुबूतका न गुज- 'तथाहि पूषा पिष्टभागोऽदन्तको हितं देवा अस्तुवन्निति विहितस्य रना, अभियोगके प्रमाणका अभाव । पोषणस्य दिदै वत्याभावात् तब तस्य दन्ताः सन्तीति वक्तव्यं स्यात् ।' अदमहाजिरी (अ० स्त्री०) मुकद्दमा पेश होनेके २ जोंक। (त्रि.) ३ दन्तहीन, बेदांत। ४ अजात वक्त गैरहाजिरी, अभियोग चलते समय न्यायालयसे दन्त, जिसके दांत न निकले हों। ५ अत् अन्ते यस्य ; अनुपस्थिति। अकारान्त, जिसके अन्तमें अकार हो। अदमुद्यञ्च (वै० त्रि.) उसको ओर जाने अदन्त्य (सं० त्रि०) १ दांतके अयोग्य । २ दांत झुकनेवाला। का नहीं। ३ दांतको हानिकारक । (क्लो०) | अदमुयञ्च (व० त्रि०) पहलेका, जो पूर्व में रहे। ४ दांतका अभाव। अदम्भ (स० पु०) न दम्भः, अभावार्थे नञ्-तत् । अदब (अ० पु०) मान-सम्भ्रम, शिष्टाचार ; कायदा १ दम्भका अभाव, सौधापन । २ शिवको एक उपाधि । - करीना। (त्रि.) नास्ति दम्भो यस्य, बहुव्री० । ३ दम्भरहित, अदबदकर, अदबदाकर (हिं० क्रि०-वि०) १ जान- सीधा-सादा। बूझकर, ज्ञानवशतः । २ हठवशतः, जिदसे । ३ अवश्य, अदम्य (सं० त्रि.) न दम्यतेऽसौ । १ जो दमन ज़रूर। न किया जा सके, दबानेके नाकाबिल। २ प्रचण्ड, अदब्ध (वै• त्रि०) न-दन्भ-त । १ अहिंसित, जालिम। ३ प्रबल, जोरावर । ४ अजय, जो न या