पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष भाग 1.djvu/३४६

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अझन्-अद्रा बबर्ची। चन्द्र बीच जी नयनयुग होते चपल नवीन । अद्यतनीय (सं० त्रि०) १ आजका । २ जो आजकल उपमा तो तुव वदनको दैते रसिक प्रवीन । जारी हो। अनन् (वै० लो०) १ भोजन, खुराक । २ ग्रह, अद्यत्व (सं० ली.) अद्य-त्व, अद्य-तइत्तेर्भावः । मकान, घर। वर्तमानत्व, मौजूदगी। अद्मान (संपु० ) सर्वान् अत्तोति, अद्-नि-मुट्च् । अद्यदिन, अद्यदिवस (सं० पु-क्लो०) आजका दिन। अदै मुच। उण् २०१०४। अग्नि, आतिश, आग। अद्यपूर्वम् (सं० अव्य. ) अबसे पहले। अमर (सं० त्रि०) अद्-कारच । भक्षणशील, भक्षक ; अद्यप्रभृति (सं० अव्य.) १ आजके दिनसे । २इस खाऊ, पेटू। समयसे। अझसद् (सं० पु० ) १ निमन्त्रणमें उपस्थित व्यक्ति । अद्यखौन (सं० लो०) अद्य-श्वस्-ख टिलोपः, अद्य २ मक्षिका-विशेष, जो भोजन पर बैठा करती है। खो भवतीति। मरण, मौत। ३ भोजन बनाने में लगा हुआ व्यक्ति, रसोइया, अद्यखोता, अद्यश्विना (सं० स्त्री०) अद्य-वस्-ख ४ माता। टिलोपः, अद्य खो वा सूते प्रसविष्यते वा। कठोरगर्भा, अद्मसद्य (वै० लो०) अद्मसदको स्थिति, निमन्त्रणमें आसवप्रसवा, आजकलमें बच्चा देनेवाली। उपस्थित अतिथिको दशा। अद्यसुत्या (वै० स्त्री०) उसी दिन सोमको तय्यारो अद्मसहन् (वै० त्रि.) भोजनमें साथ बैठने योग्य, और प्रतिष्ठा। जो खाने में शरोक होने के काबिल हो। अद्यापि (सं० अव्य.) १ अब भी, अभौतक। (सं० अव्य.) इदमोऽश् भावोद्यश्च प्रत्ययोऽहनि। ( इति ३ आजतका ३ वर्तमान समयतक। ४ आगे। वामन: ) “सद्य:परुतपरायैषमः परेद्यव्यापूर्वे युरन्येद्युरन्यतरद्युरितरेयुरपरेयुर अद्यावधि (सं० क्लो०) अद्य अवधिः सीमा यस्य, धरैयुरुभयेगुरुत्तरद्युः”। पा ५।३।२२। आजके दिन। बहुव्री। १ आजतकका समय। २ आजसे प्रारम्भ .२ अब । ३ अभो। (त्रि.) ४ भोजनयोग्य, खाने होनेवाला काल । काबिल। (क्लो०) ५ भोजन, खुराक । ६ धान्य अद्यु (वै० त्रि०) कुन्द, जो वेज़ न हो। अद्युत् (वै० वि०) चमत्काररहित, जिसमें कोई अद्यतन (सं० त्रि०) अद्य भवः। अद्य ट्य-तुडागमश्च । चमक नहीं। सायं चिरं प्रात प्रगेऽव्ययेभ्यष्ट्य य लौतुट, च। पा ४।।२३। १ अद्य अद्यूत्व (वै० क्लो०) १ हतभाग्य द्यूत, कमबखूत भव, अभी हुआ। २ आजके दिनका। ३ नवीन, नया। २ तड़केसे पहलेको निगहबानौ। ३ जुएसे (पु.) अद्यभावोऽद्यतनः । 'भान्वाय्यादुत्थानादान्याय्याच संवैश्वा जीतकर न पाई हुई वस्तु, वह चौज जो ईमान्दारौसे दहः । उभयतोऽईराव'वा लोकतः सिद्धम् ।' (दुर्गसिंह) ४ काल- मिले। विशेष, एक समय, जमाना। महाभाष्य और कातन्त्रके अद्यव (सं० अव्य.) १ आजहीके दिन, आज हो। मतमें, पूर्वरात्रिकी पिछली चार धड़ोसे पररात्रिके डेढ़ २ अभी, इसी समय। प्रहरतक, किंवा पूर्वरात्रिके पिछले अईभागसे अट्रक (सं० पु०) महानिम्ब वृक्ष । पररात्रिके प्रथमाई पर्यन्त अद्यतन होता है। भर्ट- अद्रव (सं० पु०) न द्रवः, नज्-तत् अभावार्थे। हरि और क्रमदोश्खरके मतमें, पूर्वरात्रिके पिछले १ द्रवका अभाव। (त्रि.) नास्त्रि द्रवो यत्र यस्य प्रहरसे पररात्रिके प्रथम प्रहर पर्यन्त अद्यतन काल वा। २ द्रवशून्य, गाढ़ा, घना । है। (स्त्री) अद्यतना। अद्रव्य (सं० क्लो०) न द्रव्यम्, अप्राशस्त्ये नब्-तत् । अद्यतनभूत (सं० पु०) भूतकाल विशेष, वर्तमान द्रोश्च। पा ४।३।१६। अप्रशस्त द्रव्य, अयोग्य पात्र । दिनमें कोता हुआ काल। अदा, पार्दा देखो। 8 विशेष। जुत्रा।