पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष भाग 1.djvu/४५९

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

४५२ अनुच्चस्-अनुज्ञा अनुच्चस् (सं० अव्य० ) उच्चस्वरमें नहीं, धौरेसे, बै भ्राता, छोटा भाई। ४ पुत्र, बेटा । “असौ कुमारस्तमजोऽनु- बुलन्द आवज, न चिल्लाकर, धीमी बोली में । जातस्त्रिविष्टपस्येव पति जयन्तः ।" (रघु ६।७८) अनुच्छाद (स'० पु.) १ लटकनेवाला वस्त्र, जो (क्लो०) ५ प्रपौण्डरीक, पांडरो। पोशाक लटकती रहे। २ कटिसे चरण पर्यन्त सम्मुख अनुजाता ( स० स्त्री०) त्रायमाणा लता, पांडरौ।। लटकनेवाले वस्त्रका भाग विशेष, दामन । २ कनिष्ठा भगिनी, छोटी बहन। भ्राटद्वितीयाके अनुच्छित्ति (सं० स्त्री० ) अविनाश, भङ्गका न भोगना, दिवस कनिष्ठा भगिनो यह मन्त्र पढ़ ज्येष्ठभ्राताको नाबेख़कनी, बेगारतो, टुकड़ेका न तड़कना । अन्न देती है, अनुच्छित्तिधर्मन् (सं• त्रि०) विनाशविहीन गुण- "धातस्तवानुजाताऽहं भुच्च भक्तमिदं शुभम् । विशिष्ट, गारत न जानेको सिफत रखनेवाला। प्रौतये यमराजस्व यमुनाया विशेषतः ॥" अनुच्छिन्दत् (सं० त्रि.) विनाश न बनाते हुवा, जो अनुजावर (सं० त्रि०) अनुजाद् अपि अवरः अश्रेष्ठः, गारत न कर रहा हो। ५.तत्। १ अत्यन्त निकृष्ट, निहायत नाकाम। अनुच्छिन्न (सं० त्रि०) विनाशरहित, न कटा हुवा, २ अनुजकनिष्ठ, छोटे भाईसे भी कम । ३ अधमतर, जो गारत न गया हो। बहुतं खराब । (पु.) अनुजाया वरः ओढ़ा, ६ तत् । अनुच्छिष्ट (सं० त्रि.) उद-शिष-क्त, नञ्-तत् । कनिष्ठा भगिनीका वर, छोटे बहनका खाविन्द, उच्छिष्ट नहीं, अनूठा, जो जूठा न हो। भोजनके बाद बहनोई। जो अवशिष्ट रहता, वह उच्छिष्ट या जूठा कहाता है। अनुजिटक्षा ( स० स्त्री० ) · कृपा करनेको इच्छा,. अनुच्छेद्य (सं० त्रि०) उच्छेद या विनाशके अयोग्य, मेहरबानी देखानेको खाहिश, जो तबीयत रहम जो उखाड़ा या तोड़ा न जा सके, गारत न किया जा सकनेवाला। अनुजीर्ण (सं० वि०) बूढ़ा बाढ़ा, गया, गुजरा, बीता- अनुज (सं त्रि०) अनु पश्चात् जायते, जन-ड। बिताया, किसी कारणवश जो बुड्डा पड़ या सड़ गल १ पश्चात् जात, पीछे पैदा हुवा। २ लघु, छोटा। गया ही। (पु.) ३ कनिष्ठ भ्राता, छोटा भाई। (क्लो०) अनुजीविन् (सं० त्रि.) अनु-जीवितमाश्रयतुं शोलं ४ प्रपौण्डरीकनाम गन्धद्रव्य, पांडरी नामका एक यस्य, अनुजीव-णिनि। १ आश्रित, सहारा साधे खुशबूदार मशाला। हुवा। (पु.) २ सेवक, खिदमतगार । अनुजन (स० अव्य०) जनके अनुसार, लोगोंके अनुजीविसात्कृत (स• त्रि०) अतिशय आश्रित मुवाफिक, मेलसे, सबका सम्मत ग्रहणकर, जिसमें बनाया हुवा, जो ज्यादातर सहारेपर डाला गया हो। किसीको बुरा न लगे। अनुजीव्य (सं० वि०) अनुजीव्यते, अनु-जीव-ण्यत् । अनुजन्मन् (सं० पु.) अनु पश्चात् जन्म यस्य, १ सेव्य, आश्रयणीय, खिदमत-काबिल, सहारा लेने बहुव्री० । कनिष्ठ सहोदर, छोटा भाई। लायक, जिसके शरणापन्न बन सकें। अनुजन्मा (स. स्त्री०) १ कनिष्ठा भगिनी, छोटी अनुमत् (सं० त्रि.) त्याग न तड़काते हुवा, जो 'बहन। (क्लो०) २ पीछे पैदा हुवा। छोड़ न रहा हो। अनुजा (स. स्त्री०) १ कनिष्ठा भगिनी, छोटी अनुमित (सं० त्रि०) अनभिभूत, अबाधित, अत्यक्त, बहन। २ वायमाणा लता, पांडरी। निर्गत, घटाया न गया, जो रुका न हो, छूटा न हुवा। अनुजात (स० वि०) अनु-जन-क्त । १ पश्चात् जात, अनुज्ञा (सं० स्त्री०) अनु ज्ञा-अङ्। १ अनुमति, मर्जी, पीछे. निकला। २ फिर उत्पन्न हुवा, यज्ञोपवीत सम्मति । २ गमनकी आज्ञा, जानेका हुक्म । ३ अपराध दिया गया, जिसका जनेऊ हुवा हो। (पु.) ३ कनिष्ठ की क्षमा, कुसूरको मुवाफो। ४ आदेश, फरमान् ।। रखती हो।