पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष भाग 1.djvu/७४१

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७३४ अब्द–अब्दुर्रहमान् मल्लिक शाहने वर्ष-गणनाको संशोधनकर मलमासका था। गौतमके पितामह अञ्जनने सन् ६८१ ई में हिसाब ग्रहण किया था। यह अब्द इस समय भी महाब्द चलाया। यह भी वहां जारी है। हिन्दुस्थानको पारसी जातिमें चलता है। किन्तु पारसी | अब्दनाद (सं० पु०) मेघनादक्षुप, चौलाई । लोग सर्वत्र एक समयसे वर्षगणना नहीं करते, | अब्दनादा (सं० स्त्री०) १ शशिनी। २ मेंड़को। कहीं सितम्बर और कहीं अक्त बर महीनेसे व अब्दप (सं० पु०) अब्द' पाति, पा-क। वर्षाधिप, गिनते हैं। सालका मालिका चीन। अब्दया (वै० अव्य०) जल देनेको इच्छासे बाहर, ईसा-मसोहके जन्मसे २००० वर्ष पहले य्याउ पानी बखूशनेको मर्जी से अलग । सम्राट्वाले राजत्वकाल चीनदेशमें दो प्रकार वर्ष अब्दवाहन (सपु.) १ शिव, महादेव । २ इन्द्र। चलता था। राज्यका कार्य चान्द्र और ज्योतिषका अब्दशत (स. ली.) शताब्द, सही, सौ वर्षका कार्य सौर वत्सरके हिसाबसे होते रहा। अतिप्राचीन समय। कालसे ही चौना लोग ३६५ दिन ६ घण्टेका सौर अब्दसहस्र ( स० लो०) सहख वर्षका समय, हजार मास मानते आते हैं। हमलोगोंके देशमें जिस तरह सालका जमाना। अहोरात्र प्रहर, दण्ड आदिमें विभाग किया जाता, अब्दसार (सं. पु०) कर्पूर विशेष, काफूर । चीन देशमें वैसा नियम नहीं है। वह लोग अहो- अब्दार्थ (सं० लो०) आधा वर्ष निस्फ, साल। रात्रको १०० 'के में बांटते थे। एक-एक 'के'का अब्दि (वै० पु.) मेघ, बादल । परिमाण १०० मिनट और प्रत्येक मिनटका परिमाण | अब्दिमत् ( वै० वि०) १ मेघविशिष्ट, जलद, बादलसे १०० सेकेण्ड है। परन्तु आजकल अंगरेजी प्रणाली भरा, पानी पहुंचाते हुवा। २ फलदायक, जो मतलब अवलम्बन की गई है। पूरा कर रहा हो। चौनमें ६० वर्ष परिवृत्तिसे दिन, चन्द्र और वर्ष अब्दिवान् (सं० वि०) अपां दानम्, दा बाहुलकात् गिना जाता है। किसी किसीका अनुमान है, कि भावे कि ततो अस्त्यर्थे मतुप्। जलदानवान्, पानी ईसा-मसौहके जन्म से २३५७ वर्ष पहले यह परिवृत्ति पहुंचानेवाला। आरम्भ हुई थी। ईसा-मसोहसे १५३ वर्ष पहले | अब्दुर्ग ( स क्लो०) अद्भिः वेष्टितं दुर्गम्, शाकपार्थि- वर्षगणनाको नयो रीति निकली। प्रत्येक नये सम्राटके | वादि तत्। जलवेष्टित दुर्ग, पानीसे घिरा किला। अभिषेककाल एक एक नया वर्ष गिना और अब्दका | अब्दुर् रहमान्–स्पेनमें मुसलमान राजवंशके प्रति- नाम बदल दिया जाता है। चौना भाषामें इन ष्ठाता। अब्बासियोंने पूर्व में जब उमय्यदोंको मार सब अब्दोंको 'निन्-हौं' कहते हैं भगाया, तब इनका वयस बीस वत्सरसे अधिक सिहल प्रति । न रहा। वनमें जाकर छिपने पर इनके शत्रु वोंने सिंहल, आवा, पगू और श्याम आदि देशोंमें पहले इन्हें बहुत ढंढा खोजा, किन्तु यह किसीके हाथ बौद्ध अब्द चलता था। आज भी कितने ही इसौ न लगे और सीरिया होते हुए उत्तर अफ़रोका भाग अब्दको काममें लाते हैं। भारतवर्षके किसी-किसौ गये। भागते समय इनके साथ कुछ वतन्त्र उमय्यद स्थानमें शेष जिन महाविहारसे एक अब्द चलाया लोग भी रहे। सन् ८५६ ई० में कोरदोवे के मैदान गया था। ब्रह्मदेशमें ७८ खुट्वाब्दसे समन्द्रराजने एक इन्होंने पूराणको जा जीता। सन् ७६३ ई०में जब अब्द जारी किया। यह अब्द शकाब्दके समयसे बलवायौ इनको राजधानी काटकवामें लड़े, तब चला आता है। फिर वर्तमान अब्द सन् ६३८ ई.से इन्होंने नेतावीके शिर कटा उनमें नमक और कङ- आरम्भ हुआ, इसे पप्पा-चान्-रा-हन्ने जारी किया कड़ भरवाया एवं पूर्वीय खुलौफ़ाको चुनौती दे