२७२ कस्सी-कहवा कस्सी (हिं. स्त्री०) १ खनित्रभेद, एक फावड़ा । यह काय (स.पु०) कस्य सूर्यस्य हया अखः । सूयका छोटी रहती और मालियोंके काममें लगती है। अश्व या-घोड़ा। सूर्य के सातो खोका वर्ण इरित है। २ मानविशेष, एक नाप। यह दो पद परिमित रहती कहरवा (हिं: पु.) १ सझौंततानविशेष, गाने- और भूमि नापनेमें चलती हैं। बजानेका एक ठहराव। इसमें पांच मावायें चगती कई (हिं० प्र०) १ को। (क्रि. वि.) २ कहां। -चार पूरी और दो पाधी। प्राघात चार पड़ते कहकहा (१० पु.) अट्टहास, ठट्ठा, खिलखिलाहट । हैं। चाल है-धागे टेते नागधिन धा। २ गौस- कहकहा दीवार (फा० स्त्री०) १ प्राचीर विशेष, एक विशेष, दादरा। यह नाचगाने के पीछे होता है। अची दीवार। चीनके राजा सीहवाङ्गतीने चीनके ३ नृत्यभेद, एक नाच। यह सवेरे मिचजुचकर किया उत्तर से पूर्व ३य शताव्दके अन्त में फकिन, कुप्राङ्ग जाता है। ४ कहार, पानी भरनेवाचा। तुङ्ग और कुआंसी नामक मोङ्गलोंका आक्रमण निवा- | कहरवा (फा० पु.) १ निर्यासभेद, एक गोंद। यह रण करने के लिये इसे बनाया था। यह १५०० मील ब्रह्मदेशको खनियोंसे निकलता है। वर्ण पीत है। दीर्घ, २० से २५ फीट तक उच्च और इतनी ही प्रशस्त इसे औषधोंमें व्यवहार करते हैं। चौनमें कहरवा सौ-सौ गजके अन्तर पर वन (बुज) विद्यमान गला मालको गुटिका और मुहनार बनाते है। इस हैं। चौन देखी। २ कठिन पवरोध, कड़ी रोक । रंग भी चढ़ता है। वस्त्र प्रभृति पर रगड़ निकट करगिल (हिं. स्त्री०) गारा, फेनिया, घास मिली रखनेसे यह तणदिको यह चुखक भांति पाकर्षण हुयी गोली मट्टी। यह शब्द फारसी भाषाके काह करता है। २ सनवृक्ष, धनेका पेड़। इसीके गोदको (घास ) और गिल (मट्टी )का समाहार है। धूप या राव. कहते हैं। यह सततहरित्व है। वहत (१० पु०) दुभिंध, अकाल, पनानकी कमी। पथिमघाटके पर्वमें इसकी अधिक उत्पत्ति है। कहतरी (हिं. स्त्री०) कस्सरी, लङ्गर उठायो। दूसरा नाम सफेद डामर है। तारपीनके बेसमें इसे कहता (हिं. पु०) कथनकार, कहनेवाला। घोल रंग चढ़ाते हैं। कहरवेकी माचाभी उत्तम । कहतूत (हिं० स्त्री०) प्रसिद्ध वार्ता, मशहर वात । होती है। उत्तर-भारतमें स्त्रियां इसे तेल में उबात कहन (हिं० पु०-स्त्री.) १ कथन, बोलचाल।२ वचन, गोंद बना लेती और उसी गोंदसे चिपका मस्तक पर बात। ३ सोकोक्ति, मन, कहतूत। ४ कविता, टिकली देती हैं। कषाय प्रभृति प्रस्तुत करनेमें भो. शायरी। ५ भाषण भाव, बोलनेका सौर। यह कहीं कहीं व्यवद्धत होता है। कहना (हिं. क्रि०) १बोलना, बताना, समझना। कहरुवा, कहरवा देखो। २ सहाटित करना, खोलना । ३ संवाद सुनाना, कहल (हि. पु०-स्त्री.) १ अमा, गरमी, उमस । खबर पहुंचाना। ४ बोलाना, नाम सेना। ५ सिखाना २. ताप, बुखार, तकलीफ। पढ़ाना, देखाना-सुनाना । ६ लम्बी लेना, धोका देना। करचना (हिं.क्रि.) व्याकुल होना, घबराना। ७ अयोग्य बोलना, कह बैठना। ८ कविता बनाना, कहलवाना (हिं.क्रि.) १ कहाना, करनेका काम शायरी सजाना । (पु.) . अनुरोध, तरगीब, दूसरेसे कराना। २ कहलवाना, घबरवाना। कहलाना (हिं.क्रि.) कहाना, कहनेका काम समभाव। कहनावत (हिं. स्त्री०) १ किंवदन्ती, मसन, कहावत। दूसरेसे कराना। २ नाम पाना, कहा जाना। ३ दह- ४ संवाद पहुंचाना, संदेसा देना। भ० पु०) १ आपद, पाफत, अनहोनी। कहवा (प्र. पु. ) एक पेड़का वीज, काफी (Coffee) | अंगरेजी वैज्ञानिक नाम कफिया परविका (Coffea arabica) है। इसे बंगामें कापि, गुजराती में २ कथन, कहासुनी। कहर (प. (वि.)२ भयार, खौफनाक । कारना, कराना देखो।
पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष भाग 4.djvu/२७१
दिखावट