पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष भाग 4.djvu/३७४

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कादिर-कानगीः ३७५ मुंशी बनाया था। इनीने एक दीवान् सिखा है। कादीहाटी-बालके चौबीसपरंगनेका एक नगर। २वजीर खानका उपनाम। यह पागरेके निवासी रहे। यह अचा. २२ ३८१०. और देशा..' पालमगीर और उनके दोनों उत्तराधिकारी इन्हें बहुत २९४८"पू. पर पवखित है। साधारण लोग इसे ‘चाहते थे। १७२४ ई में इनकी मृत्यु हुई। इन्होंने एक कोदिटो कहते हैं। यहां प्रायः ५...मादमी रहते दीवान बनाया है। ३ बदाऊंवाले अब्दुल कादिरका विद्यालय पौर डाकघरको छोड़ कादीहाटीमें उपनाम। इन्हें लोग कादिरी भी कहते थे। अनेक सम्भान्त लोगोंके घर भी बने हैं। 'कादिर (सं० लो०) खुदिरसार। काट्वेय (सं.पु.) करोरपत्य पुमान्, कट्ठ-ठक । कादिर अली एक मुसलमान पोर । प्रायः सन् ५२७ प्रबादिभाय । पा ४१२२ । १ कट्ठ के पुत्र। शेष, अनन्स, हिजरीको सौजीस्थानमें इन्दाने जन्मग्रहण किया था। वासुकि, तक्षक, भुजङ्गम और कुलिक 'कावेय' उसके पीछे कुसब-उद-दीनके राज्यकालमें यह पजमेर कहाते हैं। गये। वहां सैयद हुसेन मशीदीकी कन्यासे इनका २ अर्बुद। ३ कसीर। विवाह हुवा। ६२८ ई० का यह मर गये। १.२७ | कान (हिं. पु०)१ कर्ण, गोश । कर्प देखो। २ श्रवण- हिमरीमें नहांगीर बादशाहने इनकी कनके पास शक्ति, सुननेको ताकृत। ३ कन्ना, सकड़ीका एक एक सुन्दर मसजिद बनवायी थी। इनके स्मरणार्थ टुकड़ा। इसे हलके भागे कूड चौड़ा करनेको बांधते नगरमें भी एक मसजिद है। मोपला मुसलमान हैं। ४ स्वर्णालङ्कार विशेष, एक गहना। इसे कानमें कादिर अलीकी बड़ी बहाभक्ति करते है। ११ वां पहनते हैं। ५ भद्दा काना। ६ कनेव, चारपायीका जमाद-उल-अखीर इनके उत्सवका दिन है। टेढ़ापन। ७ पर्सगा। ६ रनकदानी, पियाली। कादिरगच-युवप्रान्तके एटा जिलेका एक गांव । (स्त्री.) कानि देखो। यहां कंकड़के बने एक प्राचीन टुगंका ध्वंसावशेष | कानक (सं० लो) कनकं फलमिव उग्रं फलं पस्तास्य, विद्यमान है। कादिरगक्षम अरबी भाषाको एक कनक भण्। १ पालवीज, जायफल । रामवलमके शिवालिपि निकली थी। उसमें लिखा है, यह सन् मतानुसार यह तीक्ष्ण, उष्णवीर्य, सारक पौर उत्- ११०४ हिनरीको आलमगौरके राज्यकालमें राजात केदकारक है। २ धुस्तूरवील, धतूरेका वीज । (वि.) खानकी दरगाह बनी थी। ३ कनक सम्बन्धीय, सोने का बना हुवा। कादिरशाह-मालवके एक वादशाह। सम्राट् हुमायूने कानकर्ण (सं• क्लो॰) औषधविशेष, एक दवा। मानवी अधिकार कर अपने अफसरोंके हाथ छोड़ गुडधूम, यवक्षार, विकटु, पाठा, रसाजन, चव्य, दिया था। किन्तु उनके आगरे वापिस जाते ही त्रिफला, जारित लौह और चित्रक बराबर बरावर पूर्वसन खिक्षनी रान्यके एक पदाधिकारी मुथु खान्ने | कूटपीस कर छाननेमे यह बनता है। इसे मधुके साथ बारह मास दिलौके पफसरोंसे लड़ नर्मदा और भेलसा, मुखमैं रखनेसे मुखरोग प्रारोग्य होते हैं। (सारकीसदो) नगरके बीचका समस्त देश अधिकृत किया तथा | कानगी (हिं. पु.) वृक्षविशेष; एक पेड़। यह 'अपना उपाधि कादिरशाह रख लिया। इन्होंने कीण देशमें होता है। इसका तेल पोला रहता. १५४२ ई० तक राज्य चलाया था। पीछे शेरशाइने पौर दवा बनाने तथा जलाने में लगता है। मानव अधिकार किया और इनके मन्त्री एवं सम्बन्धी जायफलसे मिलता है। राजा खानको राज्य सौंप दिया। कादिरी-१ शाहजहांक ज्येष्ठ पुत्र याहजादे दारा. .. "सेषोऽनन्ती वासुधिर वचकच मुजामः । मिकीका उपनाम । २ बदाके पन्दु सकादिरका कूर्मय कुखिवयरकावेयाः प्रशोसिवा". उपनाम। (प.सो.)३ चोची। (महामारव ११)