पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष भाग 4.djvu/५४७

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रका बनाया काम। ५४६ कामयात्व-कार्यकारण कार्मणत्व (सं. क्लो) जादू, टोना, मोहिनी। यह धनुषके श्राकारका होता है। (पु.) कार्मक कामणेयक ( मं. मु.-लो. ) जनपद विशेष, एक धनुः साध्यत्वेन अस्यस्य, कार्मक-अच। वंश, बाम । वसती। ४ श्वेत खदिर, सफेद खैर । ५ हिनसहन, एक कार्मणोन्माद (सं० पु.) उन्माद विशेष, एक पागा पेड़ । ६ महानिम्ब, बकायन । ७ चोपचीनी। पन । यह रोग मन्त्रौषधिके प्रयोगसे हो जाता ८माधवीलता।सेष प्रमृतिके मध्य नवम राशि। है.।. इसमें स्कन्ध एवं मस्तक गुरु लगता, नासिका, १० कुई धुनने का यन्त्र। (वि.) ११ कार्यक्षम, पच, हस्त तथा पदमें दुःख उठता, वौर्य घटना कामकाजो । १२ व तखदिरसम्बन्धीय, सफेद और रोगो. दुर्बल- पड़ता है । फिर घरीरमें कोई ईरसे सरोकार रखनेवाला। सूई जैसी चुभाया करता है। कार्मुकभृत् (सं० त्रि.) कामुकं विभति, कार्मक कामना (हि.) कार्मण देखो । भृ-क्किए । धनुर्धारी, कमान् बांधनेवाला । कामरी (सं० स्त्री० ) वंशगेचना, वंशलोचन । घासु कामन (म. ली.) अासन विशेष, एक वैठक । कार्मार (सं. पु.) कौर एक, कार स्वार्थे अण् । पद्मामन लगा दक्षिय हस्त द्वारा वामपदकी और १ कर्मकार, लोहार । (कर्मारस्य अपत्यम् ) दाम उस्त द्वारा दक्षिण पदको दो अङ्गालि पकड़े कर्मकारका पुत्र, लोहारका लड़का। रहनेसे कामु कासन होता है। (रुद्रयामल ) कार्मारक (सं० क्ली० ) कारण कृतम्, कर्मार-वुन् । कामुको (सं० वि ) कामुक अस्यास्ति, कामुक कुलाबादिभ्यो दुष । पा ४३११६ । कर्मकारक्षत कार्य, लोहा- इनि । धनुर्धागे, कमान् बांधनेवाना । कार्य (सं० लो०) क्रियते यद तत्, क-एयत् सती कार्मार्य (सं० पु. ) कार्मारस्य अपत्यम्, कर्मार-प्यन् । वृदिः । कर्म, काम। एमीको लक्ष्य कर कर्ता १ कर्मकारका पुत्र, लोहारका लड़का । (वि.) प्रधर्तित होता है । २ कर्तव्य, फर्ज ।३ हेत. कर्मकारस्य इदम् । २ कर्मकारसम्बन्धीय, लोहा मबब । ४ प्रयोजन, मतलब । ५ पादिका विवाद, कर्न वगैरहका झगड़ा । रसे सरकार रखनेवाला। "मोत्पाटयेन स्वयं कार्य गमा नाटस्य पूरुषः" (मम १४३) कार्यायणि (सं० पु. ) कारस्य अपत्यम्,, कर्मार 'कार्य मृणादिविवादम् ।' ( कुल्लक ) फिन् निपातनात् कार्यादेशः । कोशान्य कार्मार्याभ्या- ६ अपूर्व। ७ उद्देश्य । ८ व्याकरगोश प्रादेशप्रत्यय । ।पा ११५५॥ कर्मकारका पुत्र, लोहारका लड़का । ८ प्रारोग्य, तनदुरुस्ती । १. व्यापार, धन्धा ! ११ कार्मिक (सं• त्रि.) कर्मणा चित्रकर्मणा निहत्तः। ज्योतिषशास्त्रोक्त जन्मनसे दशम स्थान । (त्रि.) १ कर्ममें शियुक्त, काममें लगा ११ कारने योग्य, किया जानेवाला । १२ लगाया बनाया हुवा । नाना.वर्ण के सूत्र द्वारा चित्रित या चढाया जानेवाला । किया पुवा, जिसमें रङ्ग रङ्गका सूत लगे। (को०) | कार्यकर (सं० त्रि.) काधैं करोति, कार्य-व-ट । ५ वस्त्र विशेष, एक कपड़ा । इसमें नानावणके सूत्रसे | कार्य निर्वाह करनेवाला, जो काम चलाता हो । चक्र स्वस्तिकादि चिङ्ग बनाये जाते हैं। (मिताक्षरा) | कार्यकर्ता (सं. पु. ) कायें करोति, कार्य-क-वच् । "कारिक रीममहे च विशद् भागचयो मराः ।" ( याज्ञवल्क्य २०१८ ) कार्यकारक, काम करनेवाला शख स । कामिक्व (सं० लो.) कार्मिकस्य भावः, धामिक- कार्यकारक ( सं• पु० ) कार्य क ख ल । कार्य- यक् । पत्यन्त पुरोहितादिभ्यो यक् । पा : कर्मशीलता, कर्ता, काम करनेवाला शनस । परिश्रम, दौड़ धूप, मेहनत । कार्यकारण (सं० क्लो.) कार्य कारण योः कार्मक ( सं० ली.) कर्मेण प्रभवति, कर्मण-ठकम् ।। समाहा । मिशित कार्य और कारण, नतीजा और सवव । कर्मय उकन ! पा १११ धनुः, कामान् । २ एस पोजाय । हुवा। २ निर्मित,