पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष भाग 4.djvu/७३७

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०४० किरिटि-किरी चोजका छोटा नोकदार टुकड़ा। जिस गोलेमें लोके (भारव, ४।१२।१०) (वि०) २ मुकुटयुक्त, ताज पहने शेटे छोटे टुकड़े, कोलें या छरें भरते, उसे रच किचिका हुवा । "किरोटिन नदिनं चक्रिपच तेश्योगयि मर्ववी दौनिनम् । गोला' कहते हैं। वह शत्रु के नहाजका पान्न फाड़ने (गोवा, १९1१०) या रश्मियां और मसूत काट कर गिराने के लिये किरोड़, करौट्र देखो। मारा जाता है। किरोलना (हिं० कि०) कर्तन करना, खुरचना। किरिटि (सं० लो०) किरिणा शूकरण टन्यते विलाश्यते, किरना (हिं. पु०) तमि, कोड़ा। किरि-टन-डि । १ हिन्तालफत । (पु०) २ अर्जुन- किचं, किरण देखो। दृक्ष। ३ ख रहक्ष, खजूरका पेड़ । ४ शंखपुप्पो, किर्मिन (हिं. पु.) १ हिरमिला, किरिमदानको सखौन्ली। बुकनी, एक रंग। २ क्वमिविशेष, किरमिन्नी कोड़ा। किरिटी, किरिटि देखी। किर्मिर (३० वि०) विचिववर्ण, कडुर, कवरा । किरिन (हिं.) किरप देखो। "दमाः किनिरन्टममे किन्दामम्।" (परन, ३.१२०) किरिम (E) कमि देखो। 'नव भा: किर्मिनं करवर्षमा (महोदर) क्षिरिमदाना (हिं. पु०) कमिविशेष, किरमिजी कीड़ा,। किर्मो (सं० स्त्री० ) कशि-मुट. च निपातनात् डोप । शिरिसदाना किसी किसाका छोटा कोड़ा है। वह १ पन्नाशवक्ष, ढाकका पेड़ । २ रड, घर । ३ स्वर्ण- थूहरके पेड़ पर फैल जाता है । प्रायः ७० हजार पुत्तन्तिका, मोनको पुतली। ४ लौहपुत्तनिका, नोहे- किरिसदाने तौलमें बाध सेरसे ज्यादा नहीं होते। को पुतली। मादा फोड़े उठा कर सुखाये और पीस कर रहने के किर्मोर (सं. पु.) ईरान निपातनात् माधः। १ नाग- काम में पाये जाते हैं । किरिमदानेको बुकनी हो रङ्गक्ष, नोवूका पेड़। २ कोई राक्षम । (मारत, ३ ॥ ११॥२२) फिरमिनी या हिरीमनी कहातो है। उसका रङ्ग ३ विचित्रवर्ण, चितकावरा रङ्ग । (वि०) ४ विचित्र- इलका और मढमैलापन लिये नाल रहता है। वर्ण युक्त, चितकबरा। किरिया (हिं. स्त्री०) १ शपथ, कस्म, सौगन्ध ।२ फल, किमरिजित् (सं० पु. ) क्रिीरं मितवान, शिौर-नि- वार्तव्यज्ञाम । ३ मृतकर्म, मुर्देके लिये किया जाने क्किए । भीमसेन । वन भ्रमणक समय किमोर राक्षस- वाता कामकाज । ने युधिष्ठिरादिको आक्रमण किया था। भीमसेनने किरीट (सं० पु० लो०) किरति कोयते अनेन वा, क युद्ध कर उसे मार डाला । (भारत , ११) कोटन् । कूटकंपिमयः कीटन् । उए । १८४॥ १ मुकुट, ताज। किोरवा (म० स्त्रो०) किर्मोरा चित्रा वगल्या, बहु- २ शिविटन, पगड़ी। ३ छन्दोविशेष । इसमें केवल बी० । नागरगावच, नोवूका पेड़। भगए रहते हैं। ४ कुसुम्भहक्ष, कुसुमंका पेड़। किरनिसूदन, फिौरहिन् देखो। किरीटमाली (सं. पु०) किरीटस्य माली सम्बन्धी, | किमोरभित्, किर्भीरजिन् देखो। किरीट मलसरबन्ध णिनि, (तत् । अर्जुन । किर्मीरसूदन, किमो रहिन् देखो। किरीटधागे (सं० पु०) किरीटं धरति धारयति वा, किरिहा, हिरिजित् देषो। किरीट-ध-णिनि । १ अर्जुन (वि.) २. सुकुटधारी, किर्मीरारि, किमोरभि देखो। ताज लगाये हुवे। किमीरित ( सं वि०) किमोरं सत्रातमस्य, किमोर- किरीटी (सं० पु. ) किरीटोऽस्यास्ति, किरीट-इनि । इतन् । विचित्रवर्ण युक्त, चितकबरा । १ अर्जुन । उन्होंने जब स्वर्गलोकमें देवशनु दानवगषक किर्याणी (सं० पु. ) वनशूकर, जहन्ली सूवर । साथ युद्ध किया, तब इन्द्रने उन्हें समुचन किरीट किर्ग (हि.स्त्री०) यन्त्र विशेष, किमी किम की छैन । दिया था। उसोसे वह किरीटी नामसे प्रसिद्ध हुवे । किर्रासे धातु पर पत्र और शाखा खोद कर बनाते हैं।