पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष भाग 4.djvu/७५५

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कौना-कौरि अगुटके पीछे उनके कनिष्ठ उकिमाई राजा हुवे। कोमुख्त (अ० पु०). गर्दभ वा भश्वचर्म, गधे या उनके साथ चीनराजाका युद्ध छिड़ गया। युद्धसे उत्तर घोड़े का चमड़ा। कोमुखत हरा और दानेदार होता चीन उकिमाईके अधिकारमें चला गया और अपरा है। उसके जते बरसातमें पहने जाते हैं। धंके लिये शुङ्ग सम्राटको वार्षिफ २५०००० चीनी रौप्य- कोर (सं० क्लो. ) कोलति बध्नाति शरीरम, कोल-पच् मुद्रा कर देना पड़ा। उसी समय होयाई नदी उभय नस्य र:। १ मांस, गोश्त । (पु०) कोति अव्यक राज्य की सीमा उहयायोगयी। कीनराजधानी येन-किष्ट्र शब्द ईरयति, की ई-णिच् अन् । २ शकपक्षी, तोता,. नगर (वर्तमान पिकि ) में स्थापित हुयो। चीनको सुवा) राजधानी चिकियान प्रदेशमें घनचाऊ नगरको बदल "खगवागियमित्यसोऽपि कि' न मुदं धास्थति कीरगोरिव "(नषध, २०१५) गयो। विन्तु उसी समय कौनसावाज्यके उत्तरांशमें ३ काश्मीरटेश और काश्मोरवासी। सुगरलतातारोंने अपना अधिकार जमा लिया था। कोर-काहार देखो। शेषको मुगलों के हाथ से १२३४ ई० को उक्त बल- कोरक (सं० पु०) कोर संज्ञाया कन् । १ वृक्षविशेष, शाली राजवंश नष्ट हो गया। एक पेड । २ बौद्यसंन्यासी ।३ शुकपक्षी, तोता। ४ कोना ( फा• पु. ) द्वेष, वुगज, दुश्मनो। प्राप्ति, याफत। कोनार (वै० पु.) १ कृषक, किसान । २ श्रमजीवी, कारग्राम-कोट-कांगड़ाका निकट एक प्राचीन ग्राम । मजदूर । "कोनारेव खेद मासिष्टिटामा ।" (ऋक् १ ० । १०६ । १०) अनकन उसे वैद्यनाथ कहते हैं। वहां वैद्यनाथ और कीनाथ ( सं० पु० ) लिग्नाति हिनस्ति क्लिश-कन् सिद्धनाथका मन्दिर बना हैं। ८०४ ई०को उक्त मन्दिर उपधाया ईत्व लकारस्य लोपः नामागमय । सिगरीयोप- बनाया गया था। अनेकांश नष्ट हो जानेसे १७८६ ई० धायाः कन लोपय लो नामच् । उण ५ । ५६ । १ यम । २ वानर- की राजा संसारचांदने उसे परवर्तित और परिवर्धित विशेष, किमो किस्म का बन्दर । ३ राक्षसविशेष । कर दिया। (त्रि.) ४ कषक, किसान । ५ क्षुद्र, छोटा। ६ पशु- | कोरट (सं० पु० ) वनधातु, रांगा। घातक, जानवरों को कम करनेवाला । ७ लोभी, कोरटा (सं० स्त्री०) कौरट देखो। लालचो । ८ गुप्तहत्याकारी, छिपकर मार डालने कोरतनूफना (स. स्त्री.) तूलकवच, कपासका पेड़ । कोरति, (हि.) कौनि देखो। कोप (हिं. स्त्री.) कीफ, छुच्छो, एक चोंगी। वह छोटे | कोरनासा (सं० पु. ) शकनासा, तोतेको नाक । मुहके पात्र में तेल आदि वाहर न गिरनेके लिये | कोरमणि (सं० पु०) धूम्याटपक्षी, एक चिड़िया। लगायी जाती है। कौरवर्णक (सं० लो०) कौरस्येव वर्णो यस्य, कोर-वर्ण- कीमत (अ० पु.), मूल्य, दाम, किसो चोजके बदले कए । स्थौणयक नामक सुगन्धि द्रश्यविशेष, एक खुशबू बिकने पर मिलनेवाला रुपया पैसा दार चीज । स्थोणेयक देखो। कोमती ( १० वि०) बहुमूल्य, महंगा, । कीरशब्दा (सं० स्त्री०) तासभेद। उसमें तीन भरे, कोमा (प्र. पु.) मांसविशेष, किसी किस्मका एक खाली और फिर तीन भर ताल पाते हैं। गोश्त । कोमा मांसको बारोक काटनेसे बनता है। कोरा (सं० पु०) क-ईर-णिच् पृषोदरादित्वात् साधः । कामिया ( फा० स्त्रो०) रसायन, रासायनिक क्रिया । कीमियागर ( फा० पु०) रसायन बनानेवाला, जो १ काश्मीरदेश । २ काश्मीरदेशीय व्यक्ति। उक्त शब्द आदमी कामियागारीमें होशियार हो। नित्यबदुवचनान्त है। कीमियागरी (फा० स्त्री०) रसायन प्रस्तुत करनेको कोरि (सं० पु०) कोर्यते विक्षियते, कृ बाहुलकात् विद्या। कि।१ सय, तारीफ। वाला।