वाता। 1 करालाख-करिखई 2८ करानास्य (म' वि०) दन्तरवदन, खौफनाक दाnt- करिकणी (सी.) करिकपः गजपियन वयव व वकी। चविका लता। करानिक (म० पु. ) करायं करमपणाखाना करिकपा (मस्त्री.) गपिप्पत्ती, बड़ी वोपन । धान्ति: येणियंत्र कराल कर रत्वम्। १४च, पेड़। करिकणावली (म० स्त्री.) करिकणायाइव वनो। २करवास, तलवार दविका वृष, चव्यका पेड़। करान्तिका (स• स्त्री.) दुगा देवी। करिकर (सं०पू०) करिणः करम, ६-तत्। इम्ति- कगलित (स.वि.) करात-इतन् । भयंयुक्त, डरा एण्ड, हायोको सूंड़। हुवा। २ भयर किया हुवा, जो खौफनाक बना | करिकर्णपसाग (स' • पु०) इस्तिकपन्नाग, बड़ा टाक। दिया गया हो। ३ बढ़ाया हुवा। करिकवल (सं.पु.) विधान, व्यवस्था, तजवीज़। करालो (म स्त्री.) कराल-डीम् । १ पग्निको करिका (स'• खो० ) करो विलेखनमस्ति प्रस्याः, अर्मादित्वादच । १ मारोहच, कटैया। २ नख- सप्त जिधाके अन्तर्गत जिहाविशेष, पागकी सास जीभौम एक जीम। चत, नाखूनका दाग या जख्म । करिकाल-कीटकको एक नगर। यह पक्षा. १.. "कालो पहरामी च ममोमवा व मुलोडिता या च मुध सवर्ण। ५५३० और देशा० ७० ५१ पू०पर, तिरुवाकोड़ सा लिहिनी विशल्पीच देवो सोलारमामा प्रति सन जिता।" नगरसे ४ कोस दक्षिण अवस्थित है। करिकान अति (मुगकोपनिषत् ) प्राचीन नगर है। १७४० से १७६३१० तक चलनेवाले (पु.) २ महादोषान्वित प्रख, निहायत ऐवदार कर्याटक समरकै समय यह नगर सहढ़ किया गया घोड़ा। जिसके नीचे या अपर एक बड़ा दांत निकल था। यहां अंगरेजोंने फरासांसी लड़ मरे । करिकान पाता, वह घोड़ा करालो कहाता है। (जयदान) नदी कावेरी नदीको शाखा है। इसकी चारो घोर कराव (हि. पु.) कर्म, कामकाज । यह शब्द अपर्याप्त शस्य उत्पन होता है। लवण यहास पाय: विवाहादि कर्मके लिये व्यवहत होता है। बाहर भेजते हैं। करावा, बराव देखा। करिकालचोल-एश विख्यात चीतराज। यह परा- करास्कोट (पु.) करण प्रास्फोट: शब्दो यत्र । सक चोरके न्येष्ठ पुत्र रहे। इन्होंने पायाराज १वमास्थलपर एक हाथ सचित भावसे रख अन्य वीरपाडयको युद्दमें हराया था। फिर करिकात हस्त द्वारा नालन, तालठौंकाव। २ कराधात, हाथ चोचने कावेरौके जलपावनसे तस्वीर शिला बचाना एक वांध वनावाया। ८.. शाम यह विद्यमान थे कराह (म. पु०) १ वैदनासूचक स्वर, तकलोफ करिकुम्भ (स'• लो०) परिणः कुम्भः तत् । की भावाज। शरीरमें पीड़ा होने से मनुष्य कराहता १ गजकुम्भ, हायोके मत्ये को धड़े जैसी जगह। है। २ कड़ाह, लोहेकी बड़ी कड़ाही । २ गन्धचूर्ण। कहना (हिं. कि.) पीड़ित स्वरसे बोलाना, करिकुम्भक (सं० पु.) नागकेशरचूर्ण । कांना, हाय हाय वारना। वरिकुसुम्भ (सं० पु०) करो नागकेशरस्तहत् कुसम्भः । कराहा (•ि पु.) कड़ाह, बड़ी कड़ाहो। नागकंधरवच २ नागकै गरचूर्ण। कराही (दि.मी.) कड़ाही। करिकृष्णा (सं० स्त्रो०) गजपिप्पली, बड़ी पोपल। करि (हिं. पु. ) करी, हायो। करिगर (सलो०) नागकेशर करिक । सं.पु.) ऋगे विदेशेऽस्ति पस्य, कन्। करिख (हिं. स्त्रो०) १ नोरता, वालिख । २ कला, विदयादिर, एक और बदनामा। की मार ।
पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष भाग 4.djvu/९८
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