पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष विंशति भाग.djvu/१७८

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मचाना-समोराय लचाना (हि० कि०) १ किसा लघे पदार्थक बोझ। ४ किप्ती चीफे सूतकी तरह स्ये और पतले कटे हुए पड़ने या दयने भादिके कारण वोचसे मुकना, रचना 1 टुकडे । ५ इस माकारको पिसी तह बनाइ हुइ कोइ २ स्त्रियोंश कोमलता या नखरे आदिके कारण चलनेके चाज। ६ एक प्रकारका गहना जो तारोंको जजोरोंश समय रह रह कर झुकना। ३ स्त्रियों की कमरका कोम | धना होता है। यह हाथों भोर पैरोम पहनोका भी लता या नम्वरे मादिके कारण मुन्ना। होता है। लचका (वि.पु.) एक प्रकारका गोटा। लच्छा साव (हि. मो० ) एष प्रकारको सकर रागिणी। लचकाना (हि. फि०) क्सिी पदार्थको ल्चनेमें प्रवृत्त लच्छि(हि.पु.) लाखको संख्या। फरसा, झुकाना। लच्छिनाथ (दि.पु.) लक्ष्मीपति, विष्णु । लचकोला (बि. यि०) जो सहजमें लच या दव पायलच्छो (हि० पु०) एक प्रकारका घोडा । (स्त्री०) लवानेयोगा। २ लक्ष्मी देवो। ३ सूत, रेशम, ऊन, कलायत्तू इत्यादिको लचन (हि. स्रो०) चक देखो। लपेटी हुइ गुच्छी, अट्टी। एचनि (हि. रो० ) सजक देखो। लच्छेदार (फा० यि) १ जिसमें लच्छे पडे हो, लज्जा लघरचा (हि० वि०) जो लचक जाय, लचीला। | पाला। २ जिसका सिलसिला नल्दी न टूटे और जिसके लचलचापन (६० पु०) रचीले दोनेका माय, रचोला । सुनने में मन लगता हो, मजेदार या श्रुतिमधुर । पन। लछन (दि. पु०) रामके छोटे भाइ, लक्ष्मण । एचाफेदार (दि. वि०) मजेदार, वदिया। समय देखो। रवाना (हिं. मि०) लचकाना, मुशाना। लछमन (हि. पु.) १ मनमण देखो । (०) २ मामणा लचारी (हि.ना.) १ लाचारी देखो। २ यह कर जो देखो। कोई व्यक्ति अपनेसे पडे को देता है, भेट, ननर । ३ एक लछमनगढ-राजपुतानेके जयपुर राज्यके शेखावाटी प्रकारला गोत । ४ एक प्रकारका मामका अचार जो जिला तगंत एक नगर । शीकर सरदार राप राजा खाली मक्मे बनता है और निसमें तेल नहीं पड़ता। रक्ष्मणांसहने १८०६ इ०में यह नगर वसाया। इसे अचारी भी पहने हैं। जलमयगढ देखो। छ (हि. पु०) १ व्याज, बहाना । २ यह यस्तु या लछमनजो-बन्दभाषाफे एक प्यारणक प्रणेता। स्थान निस पर शस्त्र चलाना हो, निशाना । ३ सौ रछपन भूल (दि.३०) १ पदरीनारायण मार्ग में हजारको सया, लाप। (स्त्रो०) ४ लस्मी देसाा ए रुपान । यहा पहले पुरानी चालका रस्सोंका एक रन्छण (दि. पु०) स्वभाव । स्टकोना पुल था जिसे भूला कहते थे। २रस्मों, या लच्छना (हि. स्त्री० ) लनपा दग्यो। तारों आदिसे बना हुआ वह पुल जो योचा भूलेकी तरह रमण (हि. वि०) धनवान्, अमोर । नीचे लटकता हो। ३पक प्रकारकी लता या येल। लच्छमी (हि.सी.) लन्मी देखो। लछमना (हि ० स्त्री०) समप्या देखो। एच्छा (हि.पु०) १ कुछ विशेष प्रकारसे लगाये हुए लडमो ( हि ० स्त्री० ) मनमी दखो। बहुतसे तारों या डोरों आदिका समूह, गुच्छे या झुप्पे लछमी चाद-कुमायू के चान्दरशीय एक राजा . आदिके रूपमे लगाये हुए तार। २ मैदेको एक प्रकारको लछमीनारायण-धनारसके रहनेवाले एक ऐतिहासिक मिठाद। यह माय पतले ल्वे सूतकी तरह और देखने में होने गुल ए-राणा नामक एक तजगिनी एमा का। उरमी हुइ डोरके समान होती है। ३ एक प्रकारका लछमीराम--एक दिदी रवि। पहोंने अपनी कवित्वशति घटिया केसर जो नौवट या निष्ट श्रेणीके फेसरों के लिये सुरुको उपाधि पाई थी। थोडा सा पदिया फेसर मिला कर बनाया पाना है। ल्छमीराय-घरदाराज्य मलहाररायको महिषो । १८७४