पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष विंशति भाग.djvu/१८६

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लतानक-लयाडना ११ रतारक (स० पु०) हस्ती, हाथी। करनेसे एम व सिद्ध होता है। मनसिद्ध होनेसे धन लतालय (स.पु०) रतानिमितः आरय । लतागृह, पान, पलवान्, वा मो और नारियोका प्रिय होता है। लताओंसे मतपकी तरह छाया हुमा स्थान । (मायातन्त्र १२यां पटस) लतायलय (म.पु० ) १ लतागृह । २ वह जिसने रायसे | ___ इस साधनका विषय अपदाकल्पफे १६वे पटर तथा मइलाकारमें रता लगाई है। गुप्तमाधातबके ४थे पटरम विशदरूपसे रिखा है। लनारप ( स० पु०) शलकोन सलहा पेड। विस्तार हो जानेके भयसे यहा पर नहीं लिया गया। लतायेष्ट (स.पु०) लतयेर आयेप्टो पेष्टन यत्र । १ काम | लतिका (स. स्त्रो०)छोटो ल्ता, येल । शास्त्रमें सोलह प्रकारफे रतिवधनोमसे तीसरा 1२ एक | लतियर (दि० वि०) जो सदा रात खाता हो लतम्रोर। पर्वत नो द्वारकापुरोसे दक्षिणकी भोर पहता है। । लतियल (हि.शि०) सतियर देखो। (इरिश १६५।१६) इतिहर (हि. वि०) लतिहर दसो। लतायेएन (स.का.) एक प्रकारका मालिनन। । रतिहल (दि. २०) लतिहर देखो। लतावेटित (स.पु०)परतावेट, सोलह प्रकारके रति लतीफ ( अ० वि० ) १ मजे दाय, पायपदार। २ मनोहर, बों से तोसरा १२एक प्रकारका बालिङ्गा ।३ स्ता | द्वारा वेष्टित या घेरा हुआ। रतीफा (३० पु०) १ हास्यरसपूर्ण छोटी कहानी, चुट लतायेष्टितक (स० को०) लतापेय घेटित घेटन यन फन् ।। कुला । २ चमत्कारपूर्ण धात, अनूठा बात । ३ घुडलकी एक प्रकारका आलिङ्गन। घात हंसीकी यात। लताटू तरु ( स० पु०) लताशालका पेड। रतोदम ( स० पु०) लताया उनम । अपरोह अघ पतन । लता (स.पु.) शाल या सासूस पेड। सत्ता (हि.पु.) १ फटा पुराना कपडा, घीया। लताशेल-कामरूपके मतगत एक गिरि। २ कपडे का टुकडा, घरखएड । ३ कपडा। __(मविश्य बदाम्ब० १६५१) | लत्तिरा (स ० स्त्रो०)लत घाते (कृतिभिदिलतिम्म क्त् ि । उण लत'साधन ( स० को०) रतया साधन । तत्रोत साधन | ३१४७ ) इति तिकन्-टाप | गोघा गोह । विशेष । इस साधनका प्रधान अधिकरण ली है, इसीसे स्त्ता (हि. स्त्रो०) १ प्रहार के लिये उठाया या चलाया इसको लतांसाधन हत है। इस साधनका विषयमन । हुआ घोडे गदहे आदिका पैग, पशुओका पादमदार। में इस प्रकार लिखा है-यह साधन यदि वरना हो, तो लात मारनेत्री प्रिया । ३ कपडे की ल्यो घजी ४ वास पल्ले एक स्त्रीको ला कर यानिधि इष्टदाको पूजा करे। में यधी हुइ पपडे की धनो जिसे ऊ चा करके कबूतर पाछे उस स्त्रोके केशमें सौ, कपालमें सी, सिदूरमण्डल | उहाते हैं । ७ पतगी दुम अर्थात् नीचे यधी हुइ कपडे में सी, दोनों स्तनों में सो, नाभिदेशमें सौ गोर योनिदश | कोलवा धनी, पुछिरल। में सौ वार इएमनका नपरे । अन तर आसन पर उठ ल्यपथ (दि ० वि०) १ जो भींग फर भारी हो गया हो, कर पुन तीन सी धार नप करना होगा । इस प्रकार तरायोर। २ कीचड मादिम सना हुआ, जो कोचाके हजार वार जप करनेसे इष्टम की सिद्धि होती है। रगनेसे भारी हो गया हो। मग्य प्रकार-महारातिको प तुमता नारी ला ल्याड (हिं ० स्ना०) १ जमीन पर पटक कर इधर उधर पर उसके योनिदेशमें एदेवताको पूजा रोक वाद लोटाने या घसीटनेको निया, चपेट । २ हानि, नुकसान । जप करे। इस प्रकार तीन दिन पूना और नप करना होता | ३ पराजय, धार। ४सार, उपट, मिटको । है। पीछे चयपत्र में १०८ धार जप करक नवपुष्पाञ्जलि | स्थाडना (हि० कि० ) कोडना देशो। २ मताडना देखो। द्वारा फिरसे १०८ बार जप करे। अन तर पूणाहुति दे लधिया-सयुकप्रदेशके गाजीपुर जिलोन्तर्गत एक घडा कर पुन १०८ बार नप करना होगा। इस तरह जपादि। गाव । यह जमानियासे एक मोल दक्षिण पूर्व पडता है।